निर्भया के हत्यारों को फांसी दिए जाने के बाद दादा बोले- एक नई सुबह की शुरुआत

Last Updated 20 Mar 2020 11:22:32 AM IST

निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्याकांड के चारों दोषियों को शुक्रवार सुबह तिहाड़ जेल में ठीक 5.30 बजे फांसी दे दी गई।


इस पर प्रतिक्रिया देते हुए निर्भया के दादा लालजी सिंह ने कहा कि सात साल बाद हमारे लिए एक नई सुबह की शुरुआत हुई है। उन्होंने कहा, "पूरा गांव हमारे परिवार के साथ खड़ा रहा। हम दुखी थे, दोषियों की फांसी की सजा बार-बार टल रही थी, ऐसे में ग्रामीणों ने इस साल होली नहीं मनाई। अब हम साथ में होली मनाएंगे।"

निर्भया के दादा ने मामले के चारों दोषियों को कोरोनावायरस के समान ही 'जानलेवा' करार दिया। उन्होंने कहा, "अदालत का यह निर्णय देश की सभी महिलाओं को समर्पित है और मुझे उम्मीद है कि आगे से इस प्रकार के जघन्य अपराध नहीं होंगे।"

अक्षय, पवन, विनय और मुकेश दुष्कर्म में शामिल उन छह लोगों में से थे, जिन्होंने साल 2012 में दिसंबर की सर्द रात में राष्ट्रीय राजधानी में एक चलती बस में 23 वर्षीय छात्रा (निर्भया) के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था। बाद में दोषी, छात्रा और उसके मित्र को सड़क किनारे छोड़कर चले गए थे। छात्रा ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया था।

मामले के एक दोषी राम सिंह ने जेल में खुदकुशी कर ली थी और दूसरे दोषी नाबालिग को बाल सुधार गृह में भेजा गया था। वहीं अन्य चार को आज शुक्रवार को फांसी दे दी गई।

आईएएनएस
बलिया (उत्तरप्रदेश)


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