वाराणसी में सीएए के प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार 18 आरोपी जमानत पर रिहा

Last Updated 02 Jan 2020 06:46:51 PM IST

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ कथित प्रदर्शन में शामिल एक दुधमुंही बच्ची के माता-पिता समेत 18 आरोपियों को जमानत मिलने के बाद गुरुवार को जिला जेल से रिहा कर दिया गया।




सीएए प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार 18 आरोपी जमानत पर

अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बुधवार को जिला अदालत ने आरोपियों की जमानत अर्जी मंजूर कर ली थी तथा कानूनी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद रिहा कर दिया गया।
    
वाराणसी के शहरी इलाके महमूरगंज निवासी एवं सामाजिक कार्यकर्ता एकता शेखर दंपति समेत 56 लोगों को पिछले माह 19 दिसम्बर को यहां चेतगंज क्षेत्र के बेनियां बाग इलाके में हुए अचानक हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने उन्हें धारा 144 का उल्लंघन समेत अन्य आरोपों के तहत गिरफ्तार किया था। 
     
आरोपियों में शामिल श्रीमती शेखर करीब 16 माह की अपनी बेटी चंपक को 14 दिनों बाद गोद लिया तो वह चहक उठी। भावुक एकता की आंखों में खुशी के आंसू छलक पड़े। दादी एवं परिवार के अन्य सदस्य भी नन्हीं बच्ची को मां से मिलने का भावूक छण में शामिल हुए। इस दौरान कईयों की आंखों में आंसू भर आये।
      
रिहायी के बाद श्रीमती शेखर ने कहा कि 14 दिन तक बेटी से दूर रहना उनके लिए सबसे बड़ा मुश्किल भरे दिन रहे। बच्ची की याद उन्हें हर क्षण तड़पती रही। वह रात-रात को सो भी नहीं पाती थी।
     
कांग्रसे के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व विधायक अजय राय को आरोपियों की रिहायी की खबर मिली तो वह जेल के बाहर कार्यकर्ताओं के पहले ही पहुंच गए। रिहा होने के बाद उन्होंने एकता को फूलों का गुलदस्ता एवं शॉल भेंटकर उसका स्वागत किया।
     
श्री राय ने श्रीमती शेखर को वीरांगना करार देते हुए कहा कि इनकी तरह लोकतंत्र एवं संविधान बचाने की लड़ाई में शामिल हर महिला-पुरुष का कांग्रेस पार्टी जोरदार स्वागत करेगी तथा पार्टी कार्यकर्ता उनकी लड़ाई में कंधे से कंधा मिलाकर चलेंगे। 


     
गौरतलब है कि बच्ची के माता-पिता एवं सामाजिक कार्यकर्ता की रहायी के लिए परिजनों ने अदालत का दरवाजा खटखटाने से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से तक से गुहार लगायी थी। परिवार के सदस्यों ने पिछले दिनों श्री मोदी के रवींद्रपुरी स्थित संसदीय कार्यालय में गुहार लगाते हुए एक ज्ञापन दिया गया था, जिसमें बच्ची के लालन-पालन में हो रही मुश्किलों का जिक्र करते हुए दंपति को निर्दोष बताकर प्रधानमंत्री से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की गई थी।

वार्ता
वाराणसी


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