चिन्मयानंद केस: छात्रा, उसके भाई को दूसरे लॉ कॉलेज में स्थानांतरित करने का आदेश
उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को शाहजहांपुर की एलएलएम की छात्रा और उनके भाई को बरेली विश्वविद्यालय से संबद्ध किसी अन्य लॉ कॉलेज में स्थानांतरित करने का आदेश देते हुये कहा, ‘‘हमारे लिये उनका भविष्य महत्वपूर्ण है।’’
सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो) |
इस छात्रा ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री और भाजपा नेता स्वामी चिन्मयानंद पर उत्पीड़न के आरोप लगाये थे।
न्यायमूर्ति आर भानुमति और न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना की पीठ को उत्तर प्रदेश सरकार ने बताया कि शीर्ष अदालत के पहले के आदेश पर अमल करते हुये इस छात्रा और उसके भाई को छात्रावास की सुविधा वाले किसी अन्य कॉलेज में स्थानांतरित करने के सारे बंदोबस्त कर दिये गये हैं।
पीठ ने बार काउन्सिल ऑफ इंडिया से कहा कि उन कॉलेजों में सीटें बढ़ाई जायें जिनमें इस छात्रा और उसके भाई को एलएलएम और एलएलबी के पाठ्यक्रमों में स्थानांतरित किया जायेगा।
शीर्ष अदालत ने इसके साथ ही स्वत: संज्ञान ली गयी याचिका का निबटारा कर दिया। न्यायालय ने पिछले सप्ताह कानून की इस छात्रा के लापता होने की घटना का स्वत: ही संज्ञान लिया था।
न्यायालय ने कहा कि यह छात्रा और उसके माता पिता दिल्ली पुलिस के साथ अपने घर शाहजहांपुर जाने के लिये स्वतंत्र हैं।
पीठ ने यह भी कहा कि यदि सुरक्षा सहित किसी अन्य निर्देश की आगे आवश्यकता होती है तो इलाहाबाद उच्च न्यायालय के समक्ष इसका उल्लेख किया जा सकता है।
पुलिस ने इस मामले में छात्रा का एक वीडियो क्लिप सामने आने पर पूर्व मंत्री चिन्मयानंद के खिलाफ प्राथिमकी दर्ज करके जांच शुरू की थी। पुलिस को यह छात्रा बाद में राजस्थान में मिली थी। पुलिस शुक्रवार को जब उसे लेकर शाहजहांपुर जा रही थी तो फतेहपुर सीकरी में उसे इस छात्रा को लेकर उसी दिन उच्चतम न्यायालय पहुंचने का निर्देश मिला था।
शीर्ष अदालत के न्यायाधीशों ने पिछले शुक्रवार को अपने चैंबर में इस छात्रा से बातचीत की थी। छात्रा ने न्यायाधीशों से कहा था कि वह शाहजहांपुर में चिन्मयानंद के आश्रम द्वारा संचालित कॉलेज में आगे पढ़ाई नहीं करना चाहती।
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