सीएम योगी बोले- बुन्देलखण्ड के लोगों का जीवन स्तर उन्नत करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बुन्देलखण्ड के प्रति व्यक्ति की आय बढ़ाने के साथ साथ उनके जीवन स्तर को उन्नत करने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो) |
मुख्यमंत्री योगी मंगलवार शाम यहां लोक भवन में ‘बुन्देलखण्ड विकास बोर्ड’ के गठन के बाद बोर्ड की पहली बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने बोर्ड के पदाधिकारियों और सदस्यों से कहा है कि वे इस क्षेत्र के समग्र विकास के सन्दर्भ में ठोस कार्य योजना से सम्बन्धित प्रस्ताव प्रस्तुत करें, जिससे सरकार उन पर विचार कर उन्हें शीघ्र लागू करेगी।
योगी ने कहा कि "बुन्देलखण्ड के सात जिलों झांसी, ललितपुर, जालौन, चित्रकूट, बांदा, महोबा तथा हमीरपुर में पाइप के माध्यम से पेयजल और सिंचाई के सम्बन्ध में योजनाओं की दिशा में शीघ्र ही कार्य प्रारम्भ हो जाएगा। इसके अलावा बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे का काम तीन-चार माह में प्रारम्भ हो जाएगा। इन योजनाओं के प्रारम्भ हो जाने से बुन्देलखण्ड के विकास की तस्वीर बदलेगी। राज्य सरकार बुन्देलखण्ड के लोगों की आय बढ़ाकर उनके जीवन स्तर को उन्नत करने के लिए प्रतिबद्ध है।"
योगी ने विचारोपरान्त बुन्देलखण्ड में ‘बुन्देलखण्ड विकास बोर्ड’ का कैम्प कार्यालय खोले जाने की कार्यवाही किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिला विकास योजना की बैठकों में ‘बुन्देलखण्ड विकास बोर्ड’ के पदाधिकारियों और सदस्यों को भी सम्मिलित किया जाए। उनके आने-जाने, फूडिंग, लॉजिंग की भी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं।
योगी ने कि "बुन्देलखण्ड में स्पोट्र्स कॉलेज की स्थापना पर विचार किया जा रहा है और इसके लिए किसी उपयुक्त स्थान को चिन्हित किए जाय। पंजीकृत श्रमिकों के बच्चों के लिए बुन्देलखण्ड में 02 आवासीय विद्यालय भी स्थापित किए जाएंगे। बुन्देलखण्ड, पूर्वांचल सहित पूरे प्रदेश में निराश्रित गोवंश की देखभाल के लिए सरकार प्रति गोवंश प्रतिमाह 900 रुपए की राशि कृषकों के खाते में अन्तरित करेगी। इस योजना पर भी कार्य किया जा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने बुन्देलखण्ड में गौशाला निर्माण कार्य में तेजी लाए जाने के भी निर्देश दिए।"
योगी ने आगे कहा कि "बुन्देलखण्ड में खनन उद्योग की व्यापक सम्भावनाएं हैं, इसके माध्यम से स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जा सकता है। बुन्देलखण्ड में पर्यटन, कृषि व कृषि विविधीकरण, खाद्य प्रसंस्करण, ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना, सौर ऊर्जा आदि की भी अच्छी सम्भावनाएं हैं। इन सभी के सन्दर्भ में ‘बुन्देलखण्ड विकास बोर्ड’ प्रस्ताव लाए। डिफेंस कॉरीडोर और बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे के दोनों ओर उद्योग स्थापना के सन्दर्भ में भी बोर्ड पने सुझाव प्रस्तुत करे।"
योगी ने आगे कहा कि "'बुन्देलखण्ड विकास बोर्ड’ की एक बड़ी जिम्मेदारी है। प्रत्येक तीन माह में बोर्ड की बैठक आयोजित की जाए और उसकी रिपोर्ट शासन को उपलब्ध कराई जाए। बोर्ड के सुझाव एवं प्रस्ताव शासन-प्रशासन के लिए महत्वपूर्ण हैं। प्रदेश के 08 आकांक्षात्मक जिलों में बुन्देलखण्ड का चित्रकूट भी भी शामिल है। इस जिले तथा बुन्देलखण्ड के अन्य जिलों को शिक्षा, स्वास्थ्य, फाइनेन्शियल इंक्लूजन, कौशल विकास, पोषण और अवस्थापना के मानकों में सुधान की आवश्यकता है। इसके साथ ही, बुन्देलखण्ड क्षेत्र के विकास के लिए कृषि और जल संरक्षण के कार्य पर भी जोर देना होगा। इस सम्बन्ध में सभी प्रस्तावों पर राज्य सरकार विचार करते हुए हर सम्भव सहयोग करेगी।"
योगी ने मन्दाकिनी नदी सहित तालाबों, कुंओं, बावड़ियों आदि के पुनरुद्धार की कार्यवाही किए जाने के निर्देश दिए। इसके पूर्व, योगी ने ने ‘बुन्देलखण्ड विकास बोर्ड’ के पदाधिकारियों एवं सदस्यों से बुन्देलखण्ड क्षेत्र के विकास से सम्बन्धित सुझाव आमंत्रित किए और उन पर विचार कर लागू किए जाने का आश्वासन दिया।
सदस्यों ने मुख्य रूप से बुन्देलखण्ड में तालाबों, कुंओं, बावड़ियों, सिंचाई व पानी के साधनों, उद्योग धन्धों को बढ़ाए जाने, कृषि विविधीकरण, उद्यान व डेयरी, सुगन्धित व औषधीय पौधों की खेती, पर्यटन, अन्ना पशुओं, वृक्षारोपण आदि के सम्बन्ध में सुझाव प्रस्तुत किए। सदस्यों ने ‘बुन्देलखण्ड विकास बोर्ड’ के गठन के लिए योगी के प्रति आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर मुख्य सचिव डॉ. अनूप चन्द्र पाण्डेय, अपर मुख्य सचिव नियोजन दीपक त्रिवेदी, अपर मुख्य सचिव वित्त संजीव कुमार मित्तल, अपर मुख्य सचिव राजस्व रेणुका कुमार, प्रमुख सचिव ऊर्जा आलोक कुमार, प्रमुख सचिव सिंचाई टी. वेंकटेश, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं चिकित्सा प्रशान्त त्रिवेदी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी, ‘बुन्देलखण्ड विकास बोर्ड’ के अध्यक्ष मानवेन्द्र सिंह, उपाध्यक्ष अयोध्या सिंह पटेल और राजा बुन्देला तथा अन्य सदस्य उपस्थित थे।
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