रामगंगा ई-कचरा: एनजीटी ने उप्र सरकार पर लगाया 10 लाख का जुर्माना
राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने मुरादाबाद में रामगंगा नदी के किनारे ई-कचरे के निस्तारण के लिये कार्रवाई करने में नाकामी को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार पर 10 लाख रूपये का पर्यावरण जुर्माना लगाया है.
NGT ने उप्र पर लगाया 10 लाख का जुर्माना |
उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने मुरादाबाद में रामगंगा नदी के किनारे ई-कचरे के निस्तारण के लिये कार्रवाई करने में नाकामी को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार पर 10 लाख रूपये का पर्यावरण जुर्माना लगाया है. अधिकरण के कार्यवाहक अध्यक्ष न्यायमूर्ति यू डी साल्वी ने इस मामले में प्रदेश सरकार के कार्रवाई न करने को अपवाद मानते हुये कहा कि मामले में अब तक कुछ भी नहीं किया गया.
हरित अधिकरण ने मुरादाबाद के जिलाधिकारी पर भी पर्यावरण जुर्माना लगाया है.
अधिकरण ने कहा, ''उत्तर प्रदेश ने कोई अधिकारिक आदेश जारी नहीं किया और रामगंगा नदी के किनारे पडे हानिकारक ई-कचरे के निस्तारण के लिए अब तक कुछ नहीं किया. इसलिए हम उत्तर प्रदेश सरकार पर 10 लाख और मुरादाबाद के जिलाधिकारी पर 50 हजार का पर्यावरण जुर्माना लगाते हैं.''
अधिकरण ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सीपीसीबी को मामले में सुनवाई की अगली तारीख 21 फरवरी तक पूरी रामगंगा के लिये एक कार्य योजना पेश करने को कहा है.
अधिकरण ने प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वकील द्वारा दिये गये प्रतिवेदन को भी संज्ञान में लिया जिसमें कहा गया था कि जिले में ई-कचरा प्रसंस्करण की कोई इकाई नहीं है और कचरे को नदी किनारे अवैध रूप से डाला जा रहा है.
एनजीटी वैज्ञानिक महेंद्र पांडे द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी.
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