सैफई की तर्ज पर गोरखपुर महोत्सव: अखिलेश ने दी योगी को चुनौती
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सैफई से बेहतर गोरखपुर महोत्सव आयोजित करने की चुनौती दी है.
![]() समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव (फाइल फोटो) |
अखिलेश यादव ने आज कहा कि सपा संस्कृति के विकास की सदैव पक्षधर रही है. उनके पिता मुलायम सिंह यादव सैफई महोत्सव का आयोजन अच्छी तरह कराते थे. उन्होंने भी उस परम्परा को कायम रखते हुए सैफई महोत्सव अच्छे ढंग से करवाया. अब योगी गोरखपुर में महोत्सव करवा रहे हैं.
उन्होंने व्यंज्ञ किया कि मुख्यमंत्री को सैफई से बेहतर महोत्सव का आयोजन करवाना चाहिये.
आज से गोरखपुर महोत्सव की शुरुआत हुई है जो 13 जनवरी तक चलेगा.
गौरतलब है कि अखिलेश यादव का पैतृक गांव इटावा का सैफई है. वहां हर वर्ष सैफई महोत्सव आयोजित होता है. फिल्मी कलाकारों की वजह से सैफई महोत्सव की धूम रहती है.
'भाजपा बुनियादी मुद्दों से ध्यान हटाने में माहिर'
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा विकास की बात तो खूब करती है, लेकिन चुनाव के ऐन मौके पर जनता का ध्यान बांट देती है. बुनियादी मुद्दों के बजाए भावनात्मक बातें करने लगती हैं. जनता का ध्यान बांटने में भाजपा का कोई मुकाबला नहीं है.
उन्होंने कहा कि बाराबंकी में जहरीली शराब से 11 लोगों की हुई मृत्यु का कारण ठंड या दूसरी वजह बताने की कोशिश हो रही है. मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये की मदद कर सरकार ने पल्ला झाड़ लिया. किसी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गयी. मामला बड़ा है फिर भी इसे गंभीरता से नहीं लिया गया.
'अब तो शौचालयों का रंग भी किया जा रहा भगवा'
सपा अध्यक्ष ने कहा कि अब तो शौचालयों का रंग भी भगवा किया जा रहा है. उन्होंने सवाल किया कि क्या इससे भगवान का अपमान नहीं हो रहा है. भगवा तो धार्मिक रंग माना जाता है. शौचालयों का रंग तो भगवा नहीं ही होना चाहिये. उनका कहना था कि यह भी मूल मुद्दों से ध्यान हटाने की एक कोशिश है. भाजपा को जनता 2019 में सबक सिखायेगी.
अखिलेश ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पुलिस महानिदेशक की नियुक्ति दस दिन पहले हो चुकी है, लेकिन नियुक्त किये गये अधिकारी ने अभी पदभार नहीं ग्रहण किया है. इतना महत्वपूर्ण पद ज्यादा दिन तक खाली नहीं रहना चाहिये. आखिर अधिकारी पदभार ग्रहण करने से क्यों बच रहे हैं.
योगी के सपा पर जातिवादी होने के आरोपों पर अखिलेश का पलटवार
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सपा पर जातिवादी होने के आरोपों को खारिज करते हुए आरोप लगाया कि भाजपा से ज्यादा जातिवादी कौन पार्टी है. भाजपा तो राजनीति में धर्म का खुल्लमखुल्ला प्रयोग करती है. उनका कहना था कि राज्य में विकास काम ठप हैं. भीषण ठंड के बावजूद बच्चों को स्वेटर नहीं बंटे हैं. जो सरकार समय पर स्वेटर नहीं बांट सकती वह विकास के और काम क्या कर पायेगी.
2019 की लोकसभा चुनाव में पार्टी के बेहतर प्रदर्शन का दावा करते हुए उन्होंने कहा कि संगठन को हर दृष्टि से मजबूत करने का काम किया जा रहा है.
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के स्थान पर मतपत्रों से चुनाव कराने की मांग पर कायम रहा जायेगा. इस अवसर पर तीन पूर्व विधायकों और एक पूर्व जिला पंचायत समेत कई लोगों ने सपा की सदस्यता ग्रहण की.
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