गोरखपुर के मेडिकल कालेज में ऑक्सीजन सप्लाई बंद हुई, 54 की मौत

Last Updated 12 Aug 2017 06:25:17 AM IST

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृहनगर स्थित बाबा राघवदास (बीआरडी) मेडिकल कालेज में लिक्विड ऑक्सीजन खत्म होने से पिछले 48 घंटे के दौरान 54 मरीजों की मौत हो गई, इनमें 36 बच्चे शामिल हैं.


गंभीर मरीजों के साथ नर्सिग स्टाफ व तीमारदार.

हालांकि मेडिकल कालेज के नेहरू अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डा. आरएस शुक्ला ने पिछले 24 घंटों में 30 मरीजों की मौत की पुष्टि की है. हालांकि राज्य सरकार ऑक्सीजन की कमी से किसी भी मौत की खबर को भ्रामक बता रही है.

अभी भी संकट : अभी मेडिकल कालेज में ऑक्सीजन सिलेंडरों की पर्याप्त आपूर्ति नहीं है. इस घटना के बाद प्रशासनिक अमला हरकत में आया है और गैस की आपूर्ति बहाल करने के लिए नर्सिग होम, एसएसबी एवं मोदी गैस प्राइवेटड लिमिटेट जैसे लोकल सप्लायर से सिलेंडर मंगवाए जा रहे हैं.

क्या था मामला : ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली फर्म ने अपने बकाए के भुगतान के  लिए कई बार अस्पताल प्रशासन को चेताया था. पुष्पा सेल्स नामक सप्लायर फर्म ने लीगल नोटिस भी भेजा था जिसमें कहा गया था कि 68 लाख रुपए बकाए में से कुछ भुगतान होगा तभी ऑक्सीजन की आपूर्ति होगी. लेकिन प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया.

कालेज प्रशासन की लापरवाही:  लिक्विड ऑक्सीजन का काम देखने वाले कर्मचारियों ने बृहस्पतिवार दोपहर को कालेज प्रशासन को बता दिया गया था कि रात में गैस पूरी तरह समाप्त हो सकती है. यह भी चेता दिया था कि फर्म ने गैस आपूर्ति करने से इनकार कर दिया है. ऐसा हुआ तो मरीजों की जान को खतरा हो सकता है. लेकिन प्रशासन के कान पर इसके बावजूद जूं नहीं रेंगी.



मुख्यमंत्री का दौरा : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 9 अगस्त को ही इस मेडिकल कालेज का दौरा किया था. उन्होंने मरीजों से मुलाकात की थी और प्रशासनिक अमले से भी. मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल राजीव मिश्र उसी दिन उनके ही साथ दिल्ली चले गए थे.

दो साल पहले लगा प्लांट : बीआरडी मेडिकल कालेज में दो साल पहले लिक्विड आक्सीजन का प्लांट लगाया गया था. इसके जरिए इंसेफेलाइटिस वार्ड सहित करीब तीन सौ मरीजों को पाइप के जरिए आक्सीजन दी जाती है. लगातार हो रही मौतों से वाडरे में कोहराम मचा हुआ है. चारों तरफ चीख पुकार व अफरातफरी का माहौल है.

संबंधित अधिकारियों से नहीं मिला जवाब :
रात्रि 11.30 बजे ऑक्सीजन खत्म होने पर ऑक्सीजन का काम देखने वाले कर्मचारियों ने जिम्मेदार अधिकारियों को फोन मिलाना शुरू  किया लेकिन किसी से जवाब नहीं दिया.

जांच के आदेश : जिलाधिकारी गोरखपुर राजीव रौतेला ने बताया है कि मामले को गंभीरता से लेते हुए मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दे दिये गए हैं और 24 घंटे में रिपोर्ट मांगी गई है.

 

 

 

समयलाइव डेस्क ब्यूरो


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