सहारनपुर में हिंसा थमने के बावजूद तनाव बरकरार, 22 गिरफ्तार

Last Updated 10 May 2017 07:14:00 PM IST

उत्तर प्रदेश में सहारनपुर के रामनगर गांव मे हुयी हिंसा के बाद क्षेत्र में तनावपूर्ण शांति बनी हुयी है. एहतियात के तौर पर शहर के संवेदनशील इलाकों में पुलिस की गश्त बढा दी गयी है.


(फाइल फोटो)

हिंसा में लिप्त 22 लोगों को पुलिस ने अब तक गिरफ्तार किया है जबकि 70 आरोपियों को नामजद किया गया है.

नगर एवं पूरे जिले में बुधवार को स्थिति सामान्य रही. बुधवार को कहीं से भी हिंसा की कोई खबर नहीं मिली. अलबत्ता सहारनपुर नगर में तनाव बना हुआ है. पुलिस हाई अलर्ट पर है और संवेदनशील स्थानों पर पुलिस और पीएसी की पिकेट लगी है. अधिकारी स्थिति पर नज़र रखे हुए हैं.

पुलिस उप महानिरीक्षक जे के शाही ने बुधवीर को बताया कि मंगलवार को हिंसा करने वाले अब 22 बवालियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है तथा 70 आरोपीयों को नामजद किया गया है. दस मुकदमें अभी तक दर्ज हुए हैं.

क्षेत्र में स्थिति तनावपूर्ण मगर नियंत्रण में है. प्रभावित इलाके में पांच अपर पुलिस अधीक्षक, छह उपाधीक्षक और 14 थानाध्यक्षों को तैनात किया गया है. उन्होने बताया कि मंगलवार को हुई हिंसा में पुलिस की एक प्राइवेट कार और पत्रकारों की 11 मोटरसाइकिलों मे आग लगा दी गयी जबकि देवबन्द थाने की सरकारी गाडी के शीशे उपद्रवियों ने तोड डाले. मेरठ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की रैली के लिये जिले से पुलिस बल को वहां भेजा गया था. इस बीच उपद्रवियों को काबू में करने के लिये कुछ पुलिसकर्मी घटना के समय मौजूद थे.

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुभाष चंद्र दुबे ने बताया कि एसपी सिटी संजय यादव और एसपी देहात रफीक अहमद को हटा दिया है. प्रबल प्रताप सिंह की एसपी सिटी और विद्या सागर मिश्र की एसपी देहात के पद पर नियुक्ति की है.

सरकार ने दो पुलिस उपाधीक्षकों मुकेश चंद मिश्र और सिद्धार्थ की भी सहारनपुर में नियुक्ति की है. जिलाधिकारी नागेंद्र प्रसाद सिंह और एसएसपी सुभाष चंद्र दुबे ने स्थिति को सामान्य बनाने के लिए जन प्रतिनिधियों और सामाजिक संगठनों के जिम्मेदार लोगों के साथ बैठक की. डीएम और एसएसपी दोनों ने बुधवार को बताया कि मंगलवार की हिंसा के पीछे की साजिश का पता लगाने के प्रयास किए जा रहे हैं और उपद्रवियों की शिनाख्त की जा रही है.


दोनो अफसरों ने कहा कि उन्होंने स्थिति की भयावहता के बावजूद न्यूनतम बल का इस्तेमाल किया. दुबे ने कहा कि पुलिस को ज्यादा से ज्यादा संयम बरतने के निर्देश दिए गए थे. इससे भले ही संपत्ति को नुकसान हुआ और पुलिसकर्मी भले ही चोटिल क्यों न हुए हो लेकिन स्थिति 24 घंटे के भीतर सामान्य हो गई. एसएसपी ने माना कि सहारनपुर की मंगलवार की हिंसा के लिए भीम आर्मी को जिम्मेदार माना जा रहा है. इस संगठन का प्रमुख चंद्रशेखर आजाद अभी पुलिस के हाथ नहीं लगा है.

कांग्रेस उपाध्यक्ष इमरान मसूद ने बुधवार को पूरे प्रकरण की न्यायिक जांच की मांग की. उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि सड़क दूधली में भाजपा में जो दलित प्रेम उमडा था वह शब्बीरपुर और सहारनपुर की हिंसा के बाद काफूर
हो गया है.

गौरतलब है कि दलितों को महासभा आयोजित करने की प्रशासनिक इजात नहीं मिलने के विरोध मे मंगलवार को सहारनपुर के कई क्षेत्रों में उपद्रवियों ने पथराव करने के बाद 12 मोटरसाइकिलों को आग के हवाले कर दिया था. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुरेन्द्र दुबे का कहना था कि बिना अनुमति के महासभा कर रहे दलितों को पुलिस ने खदेड दिया. इसके विरोध में उन्होंने उपद्रव मचाना शुरू कर दिया. रामनगर और हलालपुर समेत जिले के कई क्षेत्रों में उपद्रवियों ने पथराव किया.

\'भीम आर्मी एकता मिशन\' के बैनर तले उपद्रवियों ने एक पत्रकार पर लाठियो से हमला किया और उनकी मोटरसाइकिल में आग लगा दी. उपद्रवियों ने थाना चिलकाना के हलालपुर मे भी सड़क पर कूडा डालकर जाम लगा दिया और लोगों के साथ भी मारपीट की. बेहट रोड पर साईं मन्दिर के पास एक बस मे आग लगा दी गयी. रामनगर पुलिस चौकी में भी उपद्रवियों ने आग लगा दी.

वार्ता


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