अखिलेश सरकार ने यादव सिंह को बचाने के लिए 21.15 लाख रुपये खर्च किए : आरटीआई

Last Updated 05 May 2017 01:13:25 PM IST

उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (सपा) की पूर्ववर्ती सरकार ने नोएडा के मुख्य अभियंता रहे दागी यादव सिंह को सीबीआई जांच से बचाने के लिए सर्वोच्च न्यायालय के कई वकीलों को 21.15 लाख रुपये की बड़ी रकम का भुगतान किया था.


अखिलेश यादव (फाइल फोटो)

यादव सिंह पर गैरकानूनी ढंग से करोड़ों रुपये जमा करने का आरोप है. इस तथ्य का खुलासा आरटीआई (सूचना का अधिकार) कार्यकर्ता नूतन ठाकुर द्वारा मांगी गई जानकारी से हुआ है. उन्होंने इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ द्वारा यादव सिंह मामले को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने के निर्देश को लेकर एक याचिका दायर की थी.

उत्तर प्रदेश सरकार ने इस आदेश के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में अपील की थी, जिसे शीर्ष अदालत ने पहली ही सुनवाई में 16 जुलाई, 2015 को खारिज कर दिया. लेकिन तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सरकार ने सीबीआई जांच से बचने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी.

चार मई, 2017 को न्याय अनुभाग-1 के विशेष सचिव सुरेंद्र पाल सिंह द्वारा मुहैया कराई गई आरटीआई सूचना के अनुसार, राज्य सरकार ने चार वरिष्ठ वकीलों को इस काम पर लगाया.
 


इनमें कपिल सिब्बल को 8.80 लाख रुपये, हरीश साल्वे को पांच लाख रुपये, राकेश द्विवेदी को 4.05 लाख रुपये और दिनेश द्विवेदी को 3.30 लाख रुपये का भुगतान किया गया.

आरटीआई आवेदक ने कहा कि यह चिंता की बात है कि राज्य सरकार ने यादव सिंह जैसे दागी व्यक्ति को बचाने के लिए इतनी बड़ी राशि बर्बाद कर दी. उन्होंने संबंधित सार्वजनिक अधिकारियों से जनता की बर्बाद हुई धनराशि की मांग की. यादव सिंह इस समय जेल में हैं. सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय उनके खिलाफ मामले की जांच कर रहे हैं.

 

आईएएनएस


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment