अजमेर में भारी बारिश से टूटी बोराज गांव के तालाब की पाल, कॉलोनियों में घुसा पानी, लोगों ने किया प्रदर्शन
राजस्थान के अजमेर में बोराज तालाब का किनारा (पाल) टूटने से गुरूवार रात कई कॉलोनियों में जलभराव हो गया और सैकड़ों घर जलमग्न हो गए। इससे भारी नुकसान हुआ और लोगों ने मुआवजे की मांग को लेकर प्रदर्शन किया।
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अधिकारियों के अनुसार कई दिन की भारी बारिश से पानी की लगातार आवक के चलते अजमेर शहर के बाहरी इलाके में स्थित बोराज तालाब का मिट्टी का पाल बृहस्पतिवार देर रात टूट गया। इससे निकला पानी तेजी से स्वास्तिक नगर, भारत नगर, रावत नगर, ज्योति नगर, एसएस कॉलोनी और फॉय सागर रोड के कुछ हिस्सों सहित निचले इलाकों में भर गया। इससे आम घरों के साथ सड़कों व दूसरे सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा।
तालाब का पानी तेजी से रिहायशी कॉलोनियों में घुस गया। डर के मारे निवासियों को आधी रात को अपने परिवारों के साथ छतों पर भागना पड़ा।
सूचना मिलने पर नागरिक सुरक्षा, राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ), नगर निगम की टीमें और जिला प्रशासन मौके पर पहुंचे और बचाव कार्य शुरू किया। घरों में फंसे परिवारों को ट्रैक्टर ट्रालियों से निकाला गया।
कमर से छाती तक गहरे पानी से निकाले जाने के बाद कई महिलाएं और बच्चे रोते हुए देखे गए। अनेक घरों से फर्नीचर और अन्य घरेलू सामान बाहर बह गए। कुछ इलाकों में चार से पांच फुट तक पानी भर गया।
घरों के बाहर खड़ी कारों सहित कई वाहन बह गए या क्षतिग्रस्त हो गए। कई घरों की इमारतों को नुकसान पहुंचा है। तालाब के पास के इलाकों में दीवारें ढह गईं और कमरों में गाद भर गई। कुछ घरों में नींव के नीचे की जमीन में कटाव से इमारत असुरक्षित हो गई हैं।
अधिकारियों के अनुसार, कम से कम 100 घरों को आंशिक या गंभीर नुकसान हुआ है। इलाकों से पानी निकालने के लिए 'मड पंप' लगाए गए थे। अधिकारियों ने कहा कि समय पर निकासी प्रयासों के कारण किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है।
जिला कलेक्टर लोक बंधु ने प्रभावित इलाकों का दौरा किया और कहा कि कोई हताहत नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि तालाब के तटबंध के आसपास कटाव पहले ही देखा गया था और खतरे को देखते हुए प्रशासन ने स्वास्तिक नगर में लगभग 80 घरों को दिन में ही खाली करा लिया था।
प्रभावित परिवारों के लिए बोराज के स्थानीय सरकारी स्कूल में अस्थायी आश्रय की व्यवस्था की गई।
वहीं नुकसान से प्रभावित लोगों ने शुक्रवार को वरुण सागर रोड पर विरोध प्रदर्शन किया और यातायात अवरुद्ध कर दिया। उन्होंने नुकसान के लिए मुआवजे की मांग की। महिला प्रदर्शनकारियों ने जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की और तालाब के रखरखाव में लापरवाही का आरोप लगाया।
अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (शहर) गजेंद्र सिंह और उप खंड अधिकारी (एसडीएम) गरिमा नरूला धरना स्थल पर पहुंचे और निवासियों को आश्वासन दिया कि प्रशासन ने नुकसान का आकलन करने के लिए घर-घर जाकर सर्वेक्षण शुरू कर दिया है। अधिकारियों के आश्वासन और एसडीएम नरूला द्वारा प्रभावित घरों का दौरा करने के बाद प्रदर्शन समाप्त कर दिया गया।
जिला कलेक्टर लोक बंधु ने कहा कि सर्वेक्षण पूरा होने के बाद सरकारी मानदंडों के अनुसार मुआवजा प्रदान किया जाएगा। उन्होंने कहा, "टीमों का गठन कर दिया गया है और आकलन का काम चल रहा है। प्रशासन सतर्क है और प्रभावित परिवारों को हर संभव मदद दी जा रही है।"
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