सीमावर्ती ग्राम पंचायतों का विकास राजस्थान सरकार की प्राथमिकता: भजनलाल

Last Updated 22 Feb 2024 10:54:29 AM IST

राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सीमावर्ती ग्राम पंचायतों का विकास राज्य सरकार की प्राथमिकता बताते हुए इनमें रह रहे विस्थापितों के लिए अलग से कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए हैं।


राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (फाइल फोटो)

शर्मा बाड़मेर दौरे के तहत जिला परिषद् सभागार में सीमावर्ती ग्राम पंचायतों के सरपंचों एवं जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बाड़मेर जिले की अंतरराष्ट्रीय सीमा से जुड़ी ग्राम पंचायतों का सर्वांगीण विकास हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि आधारभूत विकास के लिए राज्य सरकार की ओर से हर सम्भव मदद उपलब्ध कराई जाएगी। शर्मा ने कहा कि सरपंच ग्राम पंचायत के विकास एवं जनसेवा का प्रमुख आधार हैं।

उन्होंने सरपंचों को सम्बोधित करते हुए कहा कि पंचायतीराज व्यवस्था के तहत प्रत्येक गांव का मूलभूत विकास सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने सीमावर्ती 49 ग्राम पंचायतों के विकास के संबंध में जिला कलक्टर को निर्देश दिए कि विकास की जरूरतों को सूचीबद्ध कर रिपोर्ट तैयार करें और समय-समय पर इनकी मॉनिटरिंग करें। उन्होंने जिला कलक्टर को इस कार्य के लिए अधिकारियों को नियुक्त करने के निर्देश दिए। शर्मा ने कहा कि जिला प्रशासन राज्य सरकार की योजनाओं की सफल क्रियान्विति के लिए टीम भावना के साथ कार्य करें।

उन्होंने शासन सचिव ग्रामीण विकास विभाग एवं पंचायतीराज को ग्राम पंचायतों में बिजली, पानी, चिकित्सा, शिक्षा, सड़क जैसी आधारभूत आवश्यकताओं से जुड़े कार्यों की सूची तैयार कर इन्हें समय से पूरा करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का जिक्र करते हुए कहा कि स्थानीय निवासी इस योजना का लाभ उठाएं। उन्होंने कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार के नवीन अवसर प्रदान किए हैं, सरपंच इन योजनाओं का अधिकाधिक स्थानीय निवासियों को लाभ दिलाने का कार्य करें। शर्मा ने कहा कि मोदी के विकास के संकल्प ने भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत बाड़मेर जिले के सीमावर्ती क्षेत्र के विकास को नवीन गति प्रदान की है।

शर्मा ने बैठक में मौजूद सीमावर्ती ग्राम पंचायतों के सरपंचों से संवाद कर विकास की आवश्यकताओं को जाना। संवाद के तहत सरपंचों ने कहा कि गत सरकार में ग्राम पंचायतों के विकास को लेकर चले लम्बे संघर्ष व उन पर की गई टिप्पणियों ने उनका मनोबल कम कर दिया था। मुख्यमंत्री के साथ पंचायतों के विकास कार्यां को लेकर इस संवाद ने एक बार पुनः विकास की नई राह खोली है। सरपंचों ने मुख्यमंत्री से चौहटन में पर्यटन के विकास के लिए मदद उपलब्ध कराने की अपील की। ग्राम पंचायतों में मजबूत सड़क कनेक्टिविटी, रोजगार के प्रमुख आधार पशुधन एवं आमजन के लिए पीने के पानी, स्कूलों में शिक्षा के आधारभूत विकास, गौशाला निर्माण, बिजली कनेक्शन, आंगनबाड़ी, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, पशु चिकित्सालय को लेकर अपनी आवश्यकताओं से अवगत कराया।

मुख्यमंत्री ने सभी सरपंचों से कहा कि पंचायत की आवश्यकताओं के तहत विकास कार्यों को कार्य योजना बनाकर पूरा कराया जाएगा। मुख्यमंत्री ने इसके लिए ग्रामीण विकास विभाग एवं पंचायतीराज के उच्च अधिकारियों एवं जिला कलक्टर को आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश प्रदान किए।

इस अवसर पर केन्द्रीय कृषि एवं कृषक कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी, प्रदेश के उद्योग एवं वाणिज्य राज्यमंत्री कृष्ण कुमार के.के. विश्नोई, विधायक आदूराम मेघवाल, रविन्द्र सिंह भाटी एवं डॉ. प्रियंका चौधरी आदि मौजूद थे।
 

वार्ता
बाड़मेर


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