अशोक गहलोत की मौजूदगी में दो मंत्री आपस में भिड़े, एक दूसरे को देख लेने की धमकी दी

Last Updated 03 Jun 2021 03:07:47 PM IST

राजस्थान सरकार में बहुचर्चित कलह एक बार फिर उस समय सामने आ गई, जब गहलोत सरकार के दो मंत्री, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक के दौरान आपस में भिड़ गए और बैठक से बाहर निकलने पर एक-दूसरे को देख लेने की धमकी दी।


राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (फाइल फोटो)

राज्य के शिक्षा मंत्री और पीसीसी प्रमुख गोविंद सिंह डोटासरा और शहरी विकास और आवास राज्य मंत्री शांति धारीवाल के बीच झड़प हुई। सीएम को बीच में कैमरा बंद करना पड़ा।

दरअसल, दोनों मंत्रियों के बीच बढ़ते टकराव और तीखी बहस को देखते हुए साथी मंत्रियों को बीच-बचाव करना पड़ा।

कैबिनेट कक्षा 10 और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के स्टेटस पर निर्णय लेने के लिए आयोजित की गई थी, जिसमें गहलोत वर्चुअली जुड़े थे। डोटसरा ने बैठक के अंत में वैक्सीनेशन टॉपिक की चर्चा की और कहा कि कांग्रेस ने मुफ्त वैक्सीनेशन के लिए सोशल मीडिया कैंपेन लॉन्च किया है और जिला स्तर पर इस बाबत एक ज्ञापन कलेक्टर को सौंपा जाना चाहिए।

धारीवाल ने तुरंत हस्तक्षेप किया और कहा, इसकी क्या जरूरत है, मंत्रियों का काम ज्ञापन देना नहीं है।



डोटासरा ने इस हस्तक्षेप पर आपत्ति जताई और धारीवाल उत्तेजित हो गए।

मामला तब और बढ़ गया जब दोनों के बीच जुबानी जंग हो गई और राज्य के मंत्रियों को उन्हें शांत करने के लिए बीच-बचाव करना पड़ा।

डोटासरा ने सीएम से कहा कि जिस मंत्री ने पार्टी अध्यक्ष को बोलने नहीं दिया और बैठक से निकलने ही वाले थे, उनके इस तरह के व्यवहार के खिलाफ कार्रवाई की जाए, लेकिन सीएम ने उन्हें शांत किया और अपनी बात पूरी करने को कहा।

मुख्यमंत्री ने दोनों को शांत रहने को कहा लेकिन विवाद फिर शुरू हो गया जब धारीवाल ने डोटासरा से कहा कि उन्होंने पार्टी के कई अध्यक्ष देखे हैं और वह जो चाहें कर सकते हैं।

दोनों मंत्रियों के बीच तीखी नोकझोंक को देख मुख्यमंत्री ने कैमरा बंद कर दिया।

कैबिनेट की बैठक खत्म होने के बाद भी धारीवाल और डोटासरा बाहर तेज स्वर में भिड़ गए।

मंत्रियों को खुलकर लड़ते देख वहां मौजूद सीएम आवास के सुरक्षाकर्मी और कर्मचारी भी हैरान रह गए। साथी मंत्रियों ने दोनों को अलग करवा दिया, नहीं तो हाथापाई हो सकती थी।

धारीवाल ने खुले तौर पर डोटासरा से कहा कि वह उनके आदेशों का पालन करने के लिए बाध्य नहीं है, जबकि डोटासरा ने कहा कि उन्हें पार्टी अध्यक्ष के रूप में आदेशों का पालन करना होगा।

डोटासरा ने धारीवाल से कहा, "जयपुर के पार्टी प्रभारी होने के नाते पिछले ढाई साल में आपने आज तक बैठक भी नहीं की, आपका यह रवैया पार्टी के लिए अच्छा नहीं है, मैं इसकी रिपोर्ट सोनिया गांधी को दूंगा।"

धारीवाल ने फिर जवाबी कार्रवाई करते हुए सवाल किया, "क्या आप मुझे धमकी देंगे?"

जैसे ही दोनों मंत्री करीब आने लगे, साथी मंत्रियों ने दोनों को अलग कर दिया।

आईएएनएस
जयपुर


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment