राजस्थान: अशोक गहलोत सरकार ने विधानसभा में जीता विश्वास मत
राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने विधानसभा में विश्वास मत जीत लिया है। इसके साथ ही सदन की कार्यवाही 21 अगस्त तक स्थगित कर दी गई है।
![]() गहलोत सरकार ने जीता विश्वास मत |
इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा और कहा कि ऐसे समय में जब पूरी दुनिया कोरोना वायरस से लड़ रही है, बीजेपी सरकार गिराने का काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने राजस्थान को गोवा या मध्यपदेश नहीं बनने दिया।
गहलोत ने कहा कि पूरी पार्टी संगठित है और एकजुट है।
आपको बता दें कि सचिन पायलट के व्रिदोह के बाद गहलोत सरकार पर संकट के बादल छा गए थे, लेकिन अब सरकार खतरे से बाहर है।
इससे पहले सरकार की ओर से संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने प्रस्ताव पेश किया। प्रस्ताव पर बहस की शुरुआत करते हुए धारीवाल के कहा कि केंद्र की सरकार के इशारों पर मध्य प्रदेश व गोवा में चुनी हुई सरकारों को गिराया गया है।
धारीवाल ने कहा कि धन बल व सत्ता बल से सरकारें गिराने का यह षडयंत्र राजस्थान में कामयाब नहीं हो सका।
राजस्थान विधानसभा का एक महत्वपूर्ण सत्र शुक्रवार से शुरू हुआ। सदन की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू हुई। सदन में दिवंगत लालजी टंडन, अजीत जोगी और अन्य नेताओं को श्रद्धांजलि देने के बाद सदन की कार्यवाही एक बजे तक स्थगित कर दी गई।
कोरोना महामारी को देखते हुए विधानसभा में सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए विशेष बैठने की व्यवस्था की गई है। पिछले महीने अशोक गहलोत मंत्रिमंडल से बर्खास्त किए गए सचिन पायलट, विश्वेंद्र सिंह के बैठने की व्यवस्था में भी बदलाव किए गए हैं।
वहीं होटल में ठहरे कांग्रेस के विधायकों को लेकर रवाना हुई बसें भारी बारिश और यातायात की भीड़ के कारण समय पर विधानसभा में नहीं पहुँच सकी। राजधानी जयपुर में सुबह से हो रही लगातार बारिश के कारण शहर की सड़कों पर पानी भर गया और शहर के अधिकतर हिस्सों में यातायात प्रभावित हुआ हैं।
सदन शुरू होने से ठीक पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर कहा कि विधानसभा में सत्य की जीत होगी।
As the Legislative Assembly session begins today, It would be the victory of the people of #Rajasthan and the unity of our Congress MLAs, it would be a victory of truth: Satyamev Jayate.
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) August 14, 2020
राजस्थान की गहलोत सरकार में पिछले एक महीने से चल रहे तीखे और घोर कड़ुवाहट भरे सियासी संग्राम में गुरुवार की शाम को उस वक्त सुखद विराम लग गया जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनसे बगावत करने वाले पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट बड़े ही खुशनुमा माहौल में मुख्यमंत्री के राजकीय आवास पर मिले।
दोनों नेताओं ने कोरोना काल में भी एक दूसरे से बड़े ही गर्मजोशी के साथ–हाथ मिलाया। सचिन पायलट ने हाथ मिलाते ही गहलोत की हथेली को अपने दूसरे हाथ से थपथपाया तो गहलोत ने स्नेह से सचिन के बाजू पर थपकी दी। हालांकि दोनों नेता चेहरे पर मास्क लगाए हुए थे लेकिन दोनों की आंखों की चमक साफ नजर आ रही थी‚ जो बता रही थी कि अदावत खत्म‚ अब ऑल इज वेल है। इसके बाद गहलोत ने पायलट को अपने करीब बैठाया।
बैठक में गहलोत ने बीती बात को भुलाने का आह्वान करते हुए कहा, "अपने ताउ अपने होते हैं। हम इन 19 विधायकों के बिना भी सदन के पटल पर बहुमत साबित कर सकते थे, लेकिन तब चारों ओर खुशी नजर नहीं आएगी।"
गहलोत ने आगे कहा, "हम खुद ही अविश्वास प्रस्ताव को आगे बढ़ाएंगे। हम अपने उन विधायकों की शिकायतों को भी हल करेंगे जो हमसे नाराज हैं।"
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