जयपुर: आयुर्वेदिक औषधि में एलोपैथिक दवाइयां मिलाने के मामले का खुलासा

Last Updated 13 Jun 2019 03:38:02 PM IST

राजस्थान के चिकित्सा विभाग ने आयुर्वेदिक औषधियों में कथित रूप से अंग्रेजी दवाइयां मिलाए जाने के एक बड़े मामले का खुलासा किया है।


प्रतिकात्मक फोटो

इस बारे में निर्माता फर्म के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई गई है।    

औषधि नियंत्रक राजाराम शर्मा ने बताया कि आयुर्वेदिक औषधि बनाने वाली फर्म आयुषराज एन्टरप्राइजेज द्वारा आयुव्रेदिक औषधियों में एलोपैथिक दवा मिलाने की शिकायतें मिली थीं। फर्म की दवाइयों के नमूने लेकर जांच करवाई गई तो शिकायत की पुष्टि हो गयी।    

चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग के औषधि नियंत्रण संगठन ने इस फर्म के खिलाफ ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट तथा भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला बगरू थाने में दर्ज करवाया है।    

शर्मा ने बताया कि फर्म की डायबिटीज की दवा में मेटफोर्मिन हाइड्रोक्लोराइड पाई गई। डायबिटीज के उपचार में काम आने वाली दो औषधियों धन्वतरी डीबी केयर तथा प्रानिक डीबी केयर में एलोपैथिक दवा पाई गई। इसके साथ ही एक अन्य औषधि क्यूरालिन हर्बल डायटरी सप्लीमेन्ट में भी मेटफोर्मिन हाइड्रोक्लोराइड पाया गया।     

प्रारंभिक जांच के अनुसार कम्पनी द्वारा अवैध रूप से आयुर्वेदिक औषधि के नाम पर एलोपैथिक दवा मिश्रित कर विदेशों में भेजने की जानकारी के आधार पर फर्म के विरूद्ध मामला दर्ज किया गया है। डीबी केयर कैप्सूल के 180 कैप्सूल पैक की कीमत 2200 रुपये, प्रानिक डीबी केयर के 60 कैप्सूल पैक की कीमत 999 रुपये और क्यूरालिन हर्बल डायटरी सप्लीमेन्ट के 180 कैप्सूल पैक की ऑनलाइन कीमत 4840 रुपये निर्धारित है। इन कीमतों के आधार पर फर्म ने 8.50 करोड़ रुपये मूल्य के मेटफार्मिन युक्त कैप्सूल कथित तौर पर बनाए।
 

भाषा
जयपुर


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