मंत्री, TDB ने सबरीमला के ‘स्वर्ण पीडम’ के लापता होने में साजिश का लगाया आरोप
केरल देवस्वओम मंत्री वी एन वासवन और त्रावणकोर देवस्वओम बोर्ड (टीडीबी) ने सोमवार को सबरीमला में द्वारपालक (संरक्षकदेवता) की मूर्तियों के सोने से मढ़े पीडम (चौकी) के ‘गायब’ होने की घटना के पीछे साजिश का आरोप लगाया। यह पीडम बाद में एक प्रायोजक के रिश्तेदार के घर से बरामद किया गया था।
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वासवन ने प्रायोजक उन्नीकृष्णन पोट्टी पर पीडम को छिपाकर और फिर टीडीबी के पास से उसके गायब होने का आरोप लगाकर ‘नाटक’ रचने का दावा किया।
मंत्री ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमारा मानना है कि पीडम को छिपाने के बाद, पोट्टी ने गायब होने का आरोप लगाया और नाटक रचा। स्वाभाविक रूप से, हमें संदेह हुआ कि कोई साजिश तो नहीं है।’’
उन्होंने कहा कि केरल उच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुसार आगे कदम उठाए जाएंगे।
पीडम का अस्तित्व तब सामने आया जब उच्च न्यायालय ने हाल में द्वारपालकों की सोने से मढ़ी तांबे की प्लेटों के कम वजन की जांच का आदेश दिया। इसके बाद, पोट्टी ने खुलासा किया कि उन्होंने 2019 में प्लेटिंग कार्यों के दौरान एक स्वर्ण-जड़ित चौकी भी प्रायोजित की थी, जिसके बारे में उन्होंने दावा किया कि वह मंदिर से गायब है।
पुलिस अधीक्षक (एसपी) सुनील कुमार के नेतृत्व में टीडीबी की एक सतर्कता टीम ने बाद में वेंजारामूडु में पोट्टी के एक रिश्तेदार के घर से पीडम का पता लगाया।
टीडीबी अध्यक्ष पी एस प्रशांत ने इस बरामदगी का स्वागत किया, लेकिन आरोप लगाया कि पोट्टी ने जानबूझकर वैश्विक अयप्पा संगमम को बदनाम करने के लिए जनता को गुमराह किया।
प्रशांत ने कहा, ‘‘यह जानते हुए भी कि यह उनके पास है, उन्होंने झूठ बोला। उनके दावे के आधार पर, विपक्ष ने मुझे चोर तक कह दिया। मेरा मानना है कि यह संगमम की प्रतिष्ठा को कम करने की साजिश का हिस्सा था।’’
प्रशांत ने कहा कि बोर्ड के पास छिपाने के लिए कुछ नहीं था और सतर्कता टीम ने पारदर्शी तरीके से काम किया, लेकिन विशेष आयुक्त को मामले की सूचना देने में देरी हुई।
उन्होंने कहा, ‘‘पोट्टी से विस्तार से पूछताछ की जानी चाहिए। जब तक उन्होंने आरोप नहीं लगाया, तब तक हमें स्वर्ण पीडम के बारे में पता भी नहीं था।’’
इस बीच, बेंगलुरु में रहने वाले पोट्टी ने किसी भी तरह की दुर्भावना से इनकार किया।
पोट्टी ने दावा किया कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि पीडम कोट्टायम में उनके कर्मचारी वासुदेवन के पास है। उन्होंने कहा, ‘‘लापता पीडम के बारे में मीडिया में खबरें आने के बाद ही वासुदेवन ने मुझसे संपर्क किया और बताया कि वह उसके पास है। फिर मैंने उसे तिरुवनंतपुरम में अपने रिश्तेदार के घर भेज दिया।’’
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