महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को मराठवाड़ा के आठ जिलों और सोलापुर में वर्षा की स्थिति और राहत कार्यों की समीक्षा की व अधिकारियों को जमीनी स्तर पर प्रयास तेज करने का निर्देश दिया।

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अधिकारियों ने पहले बताया था कि शनिवार को मराठवाड़ा के कई हिस्सों में लगातार बारिश हुई जिससे कई गांवों का संपर्क टूट गया और निचली सड़कें तथा पुल जलमग्न हो गए। मराठवाड़ा क्षेत्र आमतौर पर सूखाग्रस्त रहता है।
पश्चिमी महाराष्ट्र में स्थित सोलापुर में भी भारी बारिश हुई है और फसल को नुकसान पहुंचा है।
मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) की ओर से रविवार को जारी एक बयान में कहा गया कि भारी वर्षा के कारण बांधों से पानी छोड़े जाने की मात्रा में वृद्धि होने के मद्देनजर फडणवीस ने संवेदनशील क्षेत्रों से लोगों को पहले ही निकालने पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर बल दिया।
बयान में कहा गया कि उन्होंने अधिकारियों को राहत शिविरों में भोजन, पेयजल और स्वास्थ्य सुविधाओं की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा और कोंकण क्षेत्रों में 30 सितंबर तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कई जिलों के लिए भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।
सीएमओ के बयान के अनुसार, फडणवीस ने भारी बारिश और बाढ़ से उत्पन्न स्थिति का जायजा लेने के लिए छत्रपति संभाजीनगर, बीड, हिंगोली, जालना, लातूर, नांदेड़, धाराशिव, परभणी और सोलापुर जिलों के जिलाधिकारियों के साथ चर्चा की।
उन्होंने कहा, "सभी अधिकारियों को प्रभावित क्षेत्र में रहना चाहिए और राहत एवं बचाव कार्यों पर बारीकी से नजर रखनी चाहिए।"
कुछ क्षेत्रों में चारे की कमी की खबरों पर संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री ने पशुओं के लिए चारे की तत्काल आपूर्ति के निर्देश दिए।
उन्होंने राज्य भर के बांधों से पानी छोड़े जाने की स्थिति की समीक्षा की और जल संसाधन विभाग को स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित करने तथा पूरी सतर्कता बरतने का निर्देश दिया।
बयान में कहा गया है कि जो लोग पहले ही राहत शिविरों में स्थानांतरित हो चुके हैं, उन्हें स्थिति में सुधार होने तक वहीं रहने को कहा गया है।
जयकवाड़ी परियोजना के जलग्रहण क्षेत्र और बांध क्षेत्र में लगभग 150 मिलीमीटर बारिश के कारण गोदावरी नदी में 1,25,000 क्यूसेक (घन फुट प्रति सेकंड) पानी छोड़ा जा रहा है, जो बढ़कर 1.5 लाख क्यूसेक तक हो सकता है।
माजलगांव बांध से 41,701 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है जो पहले 95,000 क्यूसेक था।
धाराशिव, सोलापुर, अहिल्यानगर और बीड जिलों में भारी वर्षा के कारण सिना कोलेगांव बांध से 75,000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, जबकि कुछ स्थानों पर यह मात्रा 60,000 क्यूसेक है।
बयान में कहा गया कि इसके अतिरिक्त उजानी बांध से एक लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है।
सीएमओ ने बताया कि पानी छोड़े जाने का आंकड़ा सुबह नौ बजे तक की स्थिति पर आधारित है।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, भारी बारिश के कारण मुंबई, ठाणे, पालघर, रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिलों के आबादी वाले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति की आशंका है और लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
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