छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में रविवार को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में 14 लाख रुपये के इनामी तीन नक्सली मारे गए। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी।

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कांकेर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) इंदिरा कल्याण एलेसेला ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि मुठभेड़ कांकेर और गरियाबंद जिलों की सीमा पर छिंदखड़क गांव के पास एक पर्वतीय वनक्षेत्र में हुई, जहां सुरक्षा बलों की एक संयुक्त टीम सुबह नक्सल विरोधी अभियान के लिए निकली थी।
उन्होंने बताया कि कांकेर और गरियाबंद से राज्य पुलिस की एक इकाई, जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवान इस अभियान में शामिल थे।
एसपी ने बताया कि घटनास्थल से एक महिला नक्सली समेत तीन नक्सलियों के शव बरामद किए गए हैं, साथ ही एक सेल्फ-लोडिंग राइफल (एसएलआर), एक .303 राइफल, 12 बोर की एक बंदूक और नक्सलियों से संबंधित अन्य सामग्री भी मिली है।
उन्होंने बताया कि प्रथम दृष्टया मृतकों की पहचान माओवादियों की सीतानदी/रावस एरिया कमेटी के सचिव सरवन मड़कम उर्फ विश्वनाथ, नगरी एरिया कमेटी के एरिया कमेटी सदस्य राजेश उर्फ राकेश हेमला और मैनपुर-नुआपाड़ा सुरक्षा टीम की सदस्य बसंती कुंकजाम उर्फ हिड़मे के रूप में हुई है।
एसपी के मुताबिक, मड़कम और हेमला पर क्रमशः आठ लाख और पांच लाख रुपये का इनाम था, जबकि कुंजम पर एक लाख रुपये का इनाम था।
बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) सुंदरराज पी ने कहा कि चुनौतीपूर्ण भौगोलिक परिस्थितियों और खराब मौसम के बावजूद क्षेत्र में तैनात पुलिस और सुरक्षा बल जान-माल की रक्षा के लिए पूरी निष्ठा से काम कर रहे हैं।
उन्होंने नक्सलियों से इस वास्तविकता को स्वीकार करने की अपील की कि माओवाद विलुप्त होने के कगार पर है।
वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अब समय आ गया है कि वे (नक्सली) हिंसा का रास्ता छोड़ दें और सरकार की पुनर्वास नीति का लाभ उठाकर मुख्यधारा में शामिल हों।
उन्होंने कहा कि अगर वे अवैध और हिंसक गतिविधियां जारी रखते हैं, तो उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
हालिया कार्रवाई के साथ इस साल छत्तीसगढ़ में मुठभेड़ की अलग-अलग घटनाओं में अब तक 252 नक्सली मारे जा चुके हैं। इनमें से 223 नक्सली बस्तर संभाग में मार गिराए गए। बस्तर संभाग में कांकेर सहित सात जिले शामिल हैं, जबकि 27 नकस्ली गरियाबंद में मारे गए, जो रायपुर संभाग में आता है।
दुर्ग संभाग के मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले में दो अन्य नक्सली मारे गए।
पुलिस ने बताया कि 22 सितंबर को नक्सलियों के दो शीर्ष कैडर राजू दादा उर्फ कट्टा रामचंद्र रेड्डी (63) और कोसा दादा उर्फ कदारी सत्यनारायण रेड्डी (67) नारायणपुर जिले में एक मुठभेड़ में मारे गए।
दोनों प्रतिबंधित संगठन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) की केंद्रीय समिति के सदस्य थे।
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