मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPIM) और कांग्रेस ने चार दशक पुराने ‘टाउन हॉल’ का नाम बदलकर जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर रखने के त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा के फैसले का सोमवार को विरोध किया।
 |
साहा ने रविवार को श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम में घोषणा की कि ‘टाउन हॉल’ का नाम बदलकर जनसंघ के संस्थापक के नाम पर रखा जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुखर्जी को श्रद्धांजलि देने के लिए ‘टाउन हॉल’ में श्यामा प्रसाद मुखर्जी की एक प्रतिमा स्थापित की जाएगी।
माकपा विधायक और त्रिपुरा विधानसभा में विपक्ष के नेता जितेंद्र चौधरी ने कहा, "मैं मुख्यमंत्री की ‘टाउन हॉल’ का नाम बदलकर श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर रखने की घोषणा का कड़ा विरोध करता हूं। इस ढांचे का निर्माण चार दशक पहले हुआ था। मैं किसी अन्य सभागार, स्कूल या अस्पताल का नाम उनके नेता के नाम पर रखने का विरोध नहीं करता। मैं सरकार से शहर में एक बड़ा सभागार बनाने और उसका नाम श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर रखने का आग्रह करता हूं।"
जितेंद्र चौधरी ने ये बातें सोशल मीडिया मंच फेसबुक पर लाइव में कहीं।
उन्होंने कहा कि अगरतला में ‘टाउन हॉल’ का नाम बदलकर जनसंघ के संस्थापक के नाम पर रखना श्यामा प्रसाद मुखर्जी के प्रति ‘‘सच्ची श्रद्धांजलि नहीं होगी।’’
त्रिपुरा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (टीपीसीसी) के अध्यक्ष आशीष कुमार साहा ने भी मुख्यमंत्री की घोषणा पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की।
उन्होंने कहा, "हम ‘टाउन हॉल’ का नाम बदलकर जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर रखने की सरकार की योजना का विरोध करते हैं। कांग्रेस किसी भी इमारत का नाम प्रसिद्ध व्यक्ति के नाम पर रखने के खिलाफ नहीं है, लेकिन शहर में एक बड़ा सभागार बनाने के बाद ऐसा किया जाना चाहिए।"
| | |
 |