सुप्रीम कोर्ट ने बाढ़, भूस्खलन पर संज्ञान लिया; पेड़ों की अवैध कटाई के कारण ये आपदाएं, केंद्र, NDMA और प्रभावित राज्यों से जवाब मांगा

Last Updated 04 Sep 2025 02:28:13 PM IST

हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्यों में अभूतपूर्व भूस्खलन और बाढ़ का संज्ञान लेते हुए उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को केंद्र सरकार, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए - NDMA) तथा अन्य से जवाब मांगा और कहा कि पेड़ों की अवैध कटाई के कारण ये आपदाएं आईं।


भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई - CJI) बी आर गवई और न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन की पीठ ने केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के साथ ही हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू और कश्मीर और पंजाब की सरकारों को भी नोटिस जारी किए।

वह उस याचिका पर सुनवाई कर रही है जिसमें आरोप लगाया गया कि पेड़ों की अवैध कटाई ऐसी आपदाओं का एक प्रमुख कारण है।

पीठ ने अनामिका राणा द्वारा दायर याचिका को दो सप्ताह बाद सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से सुधारात्मक उपाय सुनिश्चित करने को कहा।

सीजेआई ने कहा, ‘‘हमने उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और पंजाब में अभूतपूर्व भूस्खलन और बाढ़ देखी है।

मीडिया में आयी खबरों से पता चला है कि बाढ़ में भारी मात्रा में लकड़ी बहकर आई। प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि पेड़ों की अवैध कटाई हुई है, इसलिए प्रतिवादियों को नोटिस जारी करें। दो सप्ताह में जवाब दें…।’’



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