हिंदी को लेकर सरकारी आदेश रद्द किए जाने पर उद्धव ठाकरे का दावा- विपक्ष के आंदोलन की धमकी के आगे झुकी सरकार

Last Updated 30 Jun 2025 03:31:43 PM IST

शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने सोमवार को दावा किया कि महाराष्ट्र सरकार ने त्रि-भाषा नीति पर जारी सरकारी आदेश यह सुनिश्चित करने के लिए वापस ले लिया कि ‘हिंदी थोपे जाने’ के खिलाफ राजनीतिक दल संयुक्त रूप से विरोध प्रदर्शन न करें।


विधान भवन में पत्रकारों से बातचीत में पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘‘मराठी मानुष’’ की एकता दिखाकर मराठी विरोधियों के सिर कुचल दिए गए हैं और इस एकजुट मोर्चे को बनाए रखना चाहिए ताकि ‘‘अगला संकट’’ न आने पाए।

उन्होंने कहा कि विरोध मार्च के बजाय पांच जुलाई को विजय उत्सव मनाया जाएगा।

महाराष्ट्र के स्कूलों में पहली कक्षा से पांचवी कक्षा तक हिंदी भाषा को शामिल करने के खिलाफ बढ़ते विरोध के बीच रविवार को राज्य सरकार ने ‘त्रि-भाषा’ नीति पर सरकारी आदेश को रद्द कर दिया।

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि सरकारी आदेश को वापस ले लिया गया है और उन्होंने भाषा नीति के कार्यान्वयन और आगे की राह सुझाने के लिए शिक्षाविद् नरेंद्र जाधव की अध्यक्षता में एक समिति के गठन की भी घोषणा की।

शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने मनसे समेत अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ रविवार को सरकारी आदेश की प्रतियां जलायी थीं।

उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘‘हमने मराठी विरोधियों के सिर कुचल दिए हैं। इससे पहले कि वे फिर से अपना सिर उठाएं और अगला संकट हम पर आए, हमें यह एकता बनाए रखनी चाहिए। हम सभी से बात कर रहे हैं। हमें जीत के जश्न में भी यही एकता दिखाने की जरूरत है।’’

उल्लेखनीय है कि शिवसेना (यूबीटी) और राज ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने पांच जुलाई को त्रि-भाषा नीति के खिलाफ संयुक्त विरोध प्रदर्शन करने की योजना बनायी थी।
 

भाषा
मुंबई


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