नीलाचल पहाड़ी पर स्थित कामाख्या मंदिर के दरवाजे चार दिवसीय ‘अंबुबाची मेले’ के बाद गुरूवार को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
चार दिवसीय अंबुबाची मेला हर साल जून में आयोजित किया जाता है। मान्यता है कि इस अवधि में देवी कामाख्या रजस्वला होती हैं इसलिए मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं।
रविवार को मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए थे।
एक अधिकारी ने बताया, "मंदिर में पूजा-अर्चना 'प्रवृत्ति' से रोक दी गई थी और आज सुबह 'निवृत्ति' के बाद मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए फिर से खोल दिए गए।"
कामरूप मेट्रोपोलिटन जिले के एक अधिकारी ने बताया कि प्रसिद्ध कामाख्या मंदिर में वार्षिक अंबुबाची मेला 22 जून को कड़ी सुरक्षा व्यवस्थाओं के बीच शुरू हुआ, जिसमें कई लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन पूजन किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, "मैं देवी कामाख्या से भारत की समृद्धि और कल्याण की कामना करता हूं।"
उन्होंने कहा, "मां कामाख्या सभी को प्रचुरता का आशीर्वाद दें और सभ्यता को आगे बढ़ाएं। जय मां कामाख्या।"