Jammu and Kashmir: आतंकियों से संबंध पर तीन सरकारी कर्मचारी बर्खास्त

Last Updated 04 Jun 2025 10:02:48 AM IST

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मंगलवार को प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और हिज्ब-उल-मुजाहिदीन के साथ कथित संलिप्तता के लिए तीन सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।


एक पुलिस कांस्टेबल, एक स्कूल शिक्षक और सरकारी मेडिकल कॉलेज में एक जूनियर सहायक को संविधान के अनुच्छेद 311(2)(सी) के तहत बर्खास्त कर दिया गया, जो ‘राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में’ बिना जांच के बर्खास्तगी की अनुमति देता है। उन्होंने बताया कि तीनों फिलहाल जेल में बंद हैं।

उपराज्यपाल प्रशासन द्वारा आतंकवाद से संबंध रखने वाले अब तक 75 से अधिक सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त किया जा चुका है। अधिकारियों ने बताया कि यह प्रशासन द्वारा आतंकवादी ढांचे पर जारी कार्रवाई का हिस्सा है, जिसमें सरकारी संस्थाओं में छिपे हुए ओवरग्राउंड वर्कर्स (अतंकियों के मददगार) और समर्थक शामिल हैं।

बर्खास्त कर्मचारियों की पहचान पुलिस कांस्टेबल मलिक इश्फाक नसीर, स्कूल शिक्षा विभाग में शिक्षक एजाज अहमद और श्रीनगर के सरकारी मेडिकल कॉलेज में जूनियर सहायक वसीम अहमद खान के रूप में हुई है।

एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि बर्खास्त कर्मचारी ‘सक्रिय आतंकवादी सहयोगी’ थे, जो साजो समान, हथियारों की तस्करी और सुरक्षा बलों और नागरिकों के खिलाफ आतंकवादी अभियानों में सहायता करने में शामिल थे। साल 2007 में भर्ती हुआ कांस्टेबल मलिक इश्फाक नसीर 2021 में हथियारों की तस्करी की जांच के दौरान संदेह के घेरे में आया था।

अधिकारी ने बताया कि उसका भाई मलिक आसिफ पाकिस्तान में प्रशिक्षित लश्कर-ए-तैयबा का आतंकवादी था और 2018 में मारा गया था, लेकिन उसने पुलिस में सेवा करते हुए कथित तौर पर संगठन का समर्थन करना जारी रखा। 

अधिकारी ने कहा, उसने अपने पद का इस्तेमाल हथियारों, विस्फोटकों और नशीले पदाथरें को गिराने के लिए सुरक्षित स्थान की पहचान करने के वास्ते किया और पाकिस्तानी आकाओं के साथ जीपीएस निर्देशांक साझा किए।

मलिक ने इन खेपों को जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकवादियों को भी कथित तौर पर वितरित किया। सितम्बर 2021 में उसका लश्कर से संबंध उजागर हुआ था, जब जम्मू-कश्मीर पुलिस जम्मू क्षेत्र में हथियारों और विस्फोटकों की तस्करी से संबंधित एक मामले की जांच कर रही थी।

एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी ने कहा कि वह जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के लिए हथियार और गोला-बारूद भी इकट्ठा कर रहा था और वितरित कर रहा था ताकि आतंकवादी सुरक्षा बलों और नागरिकों पर हमले करने में सक्षम हो सके। 

भाषा
जम्मू


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