कर्नाटक में कोरोना वायरस की स्थिति और स्कूलों को फिर से खोलने के मद्देनजर राज्य सरकार ने एक परिपत्र जारी किया है जिसमें अभिभावकों से कहा गया है कि अगर उनके बच्चों में बुखार, खांसी, जुकाम और अन्य लक्षण हैं तो वे उन्हें स्कूल न भेजें।

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स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण आयुक्त ने सरकारी और निजी स्कूलों में बरती जाने वाली सावधानियों के लिए देर रात परिपत्र जारी किया है।
मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की अध्यक्षता में 26 मई को आयोजित कोरोना वायरस की स्थिति की समीक्षा बैठक के दौरान यह निर्देश दिया गया था।
शुक्रवार देर रात जारी परिपत्र में कहा गया है, “यदि स्कूली बच्चों में बुखार, खांसी, जुकाम और अन्य लक्षण पाए जाते हैं, तो बच्चों को स्कूल न भेजें और डॉक्टर की सलाह के अनुसार उचित उपचार और देखभाल के उपाय अपनाएं।”
इसमें बच्चों को पूर्णतः ठीक होने के बाद ही स्कूल भेजने का निर्देश दिया गया है।
इसमें कहा गया है कि यदि बच्चे बुखार, खांसी, जुकाम और अन्य लक्षणों के साथ स्कूल आते हैं तो उनके माता-पिता को सूचित करें और उन्हें घर वापस भेज दें।
स्वास्थ्य विभाग ने आगे कहा कि यदि स्कूल के शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों में ये लक्षण पाए जाते हैं तो उन्हें उचित एहतियाती उपायों का पालन करने की सलाह दी जानी चाहिए।
इसमें कहा गया है, "कुल मिलाकर, स्कूली बच्चों के स्वास्थ्य के हित में कोरोना वायरस के एहतियाती उपायों का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया गया है।"
शुक्रवार शाम तक राज्य में कोरोना वायस के 234 मामले उपचाराधीन हैं। एक जनवरी से अब तक कोरोना वायरस से संक्रमित तीन मरीजों की मौत हो चुकी है, जिन्हें अन्य बीमारियां भी थीं।
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