मुख्यमंत्री के रूप में अपने 72 घंटे के कार्यकाल को कभी नहीं भूलूंगा: फडणवीस

Last Updated 29 May 2025 05:30:55 PM IST

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का कहना है कि वह 2019 में मुख्यमंत्री के रूप में अपने 72 घंटे के कार्यकाल को कभी नहीं भूलेंगे।


अहिल्याबाई होल्कर पर बुधवार को एक ‘कॉफी टेबल बुक’ का विमोचन करने के बाद फडणवीस ने कहा, ‘‘मैं दूसरी बार नहीं, बल्कि तीसरी बार मुख्यमंत्री बना हूं। मैं उस सुबह मुख्यमंत्री का पद संभालने के दिन को नहीं भूल सकता, भले ही आप सब भूल गए हों।’’

अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती 31 मई को मनाई जाएगी।

सुशासन और सामाजिक सुधारों के लिए मशहूर इंदौर की रानी अहिल्याबाई का जन्म पश्चिमी महाराष्ट्र के वर्तमान अहिल्यानगर जिले (पूर्व में अहमदनगर) के जामखेड तालुका के अंतर्गत चौंडी में हुआ था।

फडणवीस ने कहा, ‘‘मेरे परिचय में कहा गया था कि मैं दूसरी बार मुख्यमंत्री बना हूं। यह दूसरी बार नहीं, बल्कि तीसरी बार है।’’

वर्ष 2019 में फडणवीस, वसंतराव नाइक के बाद पांच साल का कार्यकाल पूरा करने वाले महाराष्ट्र के दूसरे मुख्यमंत्री बने।

उसी साल नवंबर में विधानसभा चुनाव और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) तथा अविभाजित शिवसेना के बीच अलगाव के बाद फडणवीस और अविभाजित राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अजित पवार ने राजभवन में सुबह-सुबह एक समारोह में क्रमशः मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।

हालांकि, सरकार केवल तीन दिन ही चली।

वरिष्ठ पत्रकार अंबरीश मिश्रा द्वारा लिखित और संपादित ‘कॉफी टेबल बुक’ का हवाला देते हुए फडणवीस ने अहिल्याबाई को एक प्रशासक के रूप में वर्णित किया, जिन्होंने भारतीय संस्कृति के स्मारकों का पुनर्निर्माण किया।

फडणवीस ने कहा, ‘‘इतिहास में उनका योगदान अमूल्य है। आज हमें गर्व है कि दो महिला अधिकारियों (कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह) ने देश को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बारे में जानकारी दी, लेकिन हमें यह भी याद रखना चाहिए कि अहिल्याबाई ने अपनी सेना में एक महिला बटालियन भी बनाई थी। वह एक आदर्श शासक थीं।’’

उन्होंने कहा कि सरकार ‘कॉफी टेबल बुक’ की प्रतियां खरीदेगी और उन्हें सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भेजेगी।

फडणवीस ने कहा, ‘‘वह (अहिल्याबाई होल्कर) अपने आप में एक संस्था थीं। हमने अहमदनगर जिले का नाम बदलकर अहिल्यानगर किया है।’’

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार श्रद्धेय रानी पर एक व्यावसायिक फिल्म बनाने की भी योजना बना रही है ताकि उनके जीवन और उस समय के बारे में युवा पीढ़ी जान सके।

भाषा
मुंबई


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