उच्चतम न्यायालय के पिछले माह के आदेश के बाद नौकरी गंवाने वाले स्कूली शिक्षकों ने यहां साल्ट लेक में पश्चिम बंगाल शिक्षा विभाग मुख्यालय के बाहर शनिवार को तीसरे दिन भी विरोध प्रदर्शन जारी रखा।
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शुक्रवार रात से शनिवार सुबह तक करीब 1,000 शिक्षकों ने विकास भवन के बाहर शांतिपूर्ण तरीके से धरना दिया और पुलिसकर्मियों ने दूर से निगरानी की।
शिक्षकों ने 2016 स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) परीक्षा पास की थी, लेकिन पिछले माह उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद उन्होंने अपनी नौकरी गंवा दी। शिक्षक मांग कर रहे हैं कि राज्य सरकार उनकी सेवाओं को बहाल करने के लिए कानूनी कदम उठाए।
उच्चतम न्यायालय ने सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में 25,753 शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति को अमान्य करार दिया था।
कई प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि शिक्षकों ने रातभर विकास भवन के बाहर धरना जारी रखा।
शिक्षक मंच के नेता और प्रदर्शनकारी शिक्षकों में शामिल चिन्मय मंडल ने कहा, ‘‘हमने हजारों शिक्षकों, नागरिक समाज के सदस्यों और अन्य लोगों से विकास भवन के बाहर इकट्ठा होकर विरोध प्रदर्शन तेज करने का आग्रह किया है। हम मुख्यमंत्री से तत्काल बातचीत की मांग करते हैं।’’
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता शुभेंदु अधिकारी ने शुक्रवार को बेरोजगार शिक्षकों से उनके विरोध स्थल पर मुलाकात की और उन्हें समर्थन दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर इस मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं हुई तो पार्टी अगले माह के विधानसभा सत्र को जारी नहीं रहने देगी।
विपक्ष के नेता अधिकारी ने कहा कि वह और पार्टी के अन्य नेता योग्य शिक्षकों को उनकी लड़ाई में पूरा समर्थन देंगे।
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