विवेकानंद रॉक मेमोरियल की सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बृहस्पतिवार से यहां के प्रसिद्ध विवेकानंद रॉक मेमोरियल पर 45 घंटे के प्रवास के लिए सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं।
![]() विवेकानंद रॉक मेमोरियल |
इस दौरान वह यहां ध्यान लगाएंगे। देश के दक्षिणी छोर पर स्थित इस जिले में 2,000 पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे और विभिन्न सुरक्षा एजेंसियां प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के दौरान कड़ी निगरानी रखेंगी। पांच साल पहले उन्होंने 2019 के चुनाव प्रचार अभियान के बाद केदारनाथ गुफा में ध्यान लगाया था।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने बताया कि मोदी 30 मई को लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार समाप्त होने के बाद यहां स्वामी विवेकानंद को श्रद्धांजलि देने के लिए बनाए स्मारक ‘रॉक मेमोरियल’ पर ध्यान लगाएंगे।
वह ध्यान मंडपम में 30 मई की शाम से लेकर एक जून की शाम तक ध्यान लगाएंगे। ऐसा माना जाता है कि इसी स्थान पर आध्यात्मिक विभूति विवेकानंद को ‘भारत माता’ के बारे में दिव्य दृष्टि प्राप्त हुई थी। मोदी के दौरे के मद्देनजर सुरक्षा बढा दी गयी है।
तिरुनेलवेली रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (डीआईजी) प्रवेश कुमार के साथ ही पुलिस अधीक्षक ई. सुंदरावथनम ने रॉक मेमोरियल, बोट जेटी, हेलीपैड और कन्याकुमारी में राज्य के अतिथि गृह का निरीक्षण किया।
प्रधानमंत्री की सुरक्षा में तैनात दल पहले ही कार्यक्रम स्थल पर पहुंच गया है। हेलीपैड पर हेलीकॉप्टर उतारने का एक परीक्षण भी कर लिया गया है। अंतरराष्ट्रीय पर्यटक स्थलों में शुमार कन्याकुमारी में और उसके आसपास करीब 2,000 पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे। कन्याकुमारी जिला प्रशासन की आधिकारिक वेबसाइट पर रॉक मेमोरियल के बारे में कहा गया है, ‘पौराणिक कथा के अनुसार, इसी चट्टान पर देवी कन्नियाकुमारी ने तपस्या की थी।’
मोदी के संभावित कार्यक्रम के अनुसार, वह आध्यात्मिक प्रवास के लिए 30 मई की दोपहर को कन्याकुमारी पहुंचेंगे। इसके बाद वह मेमोरियल जाएंगे। वह एक जून को दोपहर तीन बजे तक विवेकानंद रॉक मेमोरियल पर ठहर सकते हैं जब देश में लोकसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण के लिए मतदान हो रहा होगा।
एक सूत्र ने बताया कि चूंकि प्रधानमंत्री ध्यान लगाने के लिए करीब 45 घंटे रुकेंगे तो तटीय सुरक्षा समूह, भारतीय तटरक्षक बल और भारतीय नौसेना समुद्री सीमाओं पर निगरानी रखेगी। भाजपा पदाधिकारियों ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने आध्यात्मिक प्रवास के लिए कन्याकुमारी को इसलिए चुना क्योंकि वह देश में विवेकानंद के दृष्टिकोण को साकार करना चाहते हैं।
उन्हें यह विश्वास है कि चार जून को मतगणना होने के बाद वह तीसरी बार सत्ता में वापस लौटेंगे। लोकसभा चुनाव के लिए अंतिम चरण का मतदान एक जून को होना है।
मतदान से दो दिन पहले चुनाव-प्रचार समाप्त हो जाता है। भाजपा के पदाधिकारियों ने बताया कि जिस स्थान पर प्रधानमंत्री ध्यान लगाएंगे उसका विवेकानंद के जीवन पर बड़ा प्रभाव था। उन्होंने कहा कि देशभर में घूमने के बाद विवेकानंद यहीं पहुंचे थे और यहां उन्होंने तीन दिन तक ध्यान लगाया था और एक विकसित भारत का सपना देखा था।
कन्याकुमारी वही स्थान है, जहां स्वामी विवेकानंद को भारत माता के दर्शन हुए थे। इसी शिला का स्वामी विवेकानंद के जीवन पर बड़ा प्रभाव पड़ा था। लोगों का मानना है कि जैसे सारनाथ गौतम बुद्ध के जीवन में विशेष स्थान रखता है, वैसे ही यह चट्टान स्वामी विवेकानंद के जीवन में खास स्थान रखता है। वह देश भर में घूमने के बाद यहां पहुंचे और तीन दिन तक ध्यान किया और 'विकसित भारत' का सपना देखा।
स्वामी विवेकानंद के ध्यान स्थल पर पीएम मोदी के ध्यान करने की योजना 'विकसित भारत' के दृष्टिकोण को जीवन में उतारने के प्रति पीएम मोदी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह वही स्थान है, जहां धार्मिक मान्यताओं के अनुसार देवी पार्वती ने एक पैर पर खड़े होकर भगवान शिव की प्रतीक्षा की थी।
यह भारत का सबसे दक्षिणी छोर है। इसके अलावा, यह वही स्थान है, जहां भारत की पूर्वी और पश्चिमी तट रेखाएं मिलती हैं। यह हिंद महासागर, बंगाल की खाड़ी और अरब सागर का मिलन बिंदु भी है। पीएम मोदी कन्याकुमारी जाकर राष्ट्रीय एकता का संदेश देना चाहते हैं।
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