कांग्रेस पर भड़के संजय निरुपम, बोले- मेरे इस्तीफे के बाद कांग्रेस ने मुझे निष्कासित किया

Last Updated 04 Apr 2024 11:07:47 AM IST

पूर्व सांसद संजय निरुपम ने अपने निष्कासन को लेकर कांग्रेस नेतृत्व पर बृहस्पतिवार को कटाक्ष करते हुए दावा किया कि पार्टी को अपना इस्तीफा भेजने के बाद उन्हें निष्कासित किया गया।


संजय निरुपम (फाइल फोटो)

अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी बयानों की शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बुधवार देर शाम निरुपम को तत्काल प्रभाव से छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित करने की मंजूरी दे दी।

कांग्रेस की मुंबई इकाई के पूर्व प्रमुख निरुपम ने बृहस्पतिवार को सुबह सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, “ऐसा लगता है कि पार्टी ने कल रात मेरा त्यागपत्र मिलने के तुरंत बाद मेरे निष्कासन का निर्णय ले लिया। ऐसी तत्परता देखकर अच्छा लगा।”



खरगे को लिखे पत्र में निरुपम ने कहा, "मैंने आखिरकार आपकी बहुप्रतीक्षित इच्छा को पूरा करने का फैसला किया है और मैंने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने का निर्णय ले लिया है।"

कांग्रेस नेतृत्व में जबरदस्त अहंकार, नेहरूवादी धर्मनिरपेक्षता समाप्त हो चुकी है : निरुपम

कांग्रेस से निष्कासित किये जाने के एक दिन बाद पूर्व सांसद संजय निरुपम ने बृहस्पतिवार को पार्टी नेतृत्व में जबरदस्त अहंकार होने का दावा करते हुए कहा कि कांग्रेस अब इतिहास बन चुकी है और उसका कोई भविष्य नहीं है।

मुंबई में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए निरुपम ने यह भी कहा कि महा विकास आघाडी (एमवीए) तीन 'बीमार इकाईयों' का एक विलय है।

निरुपम ने कहा कि कांग्रेस में पांच 'पॉवर सेंटर' हैं... गांधी परिवार के तीन सदस्य, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और के सी वेणुगोपाल (पार्टी महासचिव)।

उन्होंने दावा किया, ''वह नेहरूवादी धर्मनिरपेक्षता समाप्त हो चुकी है, जिनके समाज में धर्म की कोई जगह नहीं थी।''

निरुपम ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनावों में उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना को ज्यादा सीटें देने के लिए कांग्रेस की आलोचना करने को पार्टी विरोधी गतिविधियां करार नहीं दिया जा सकता। उत्तर मुंबई से पूर्व सांसद ने आरोप लगाया कि शिवसेना-यूबीटी के दिशा-निर्देशों पर उनके खिलाफ कार्रवाई की गयी है।

उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ऐसे लोगों से घिरे हुए हैं, जिनकी जमीनी स्तर पर कोई पकड़ नहीं है।

निरुपम ने आरोप लगाया कि पार्टी नेतृत्व लचर और पुराना हो चुका है। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस को जंग लग चुका है लेकिन पार्टी नेतृत्व में जबरदस्त अहंकार भरा हुआ है।

उन्होंने कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले और वेणुगोपाल पर भी निशाना साधा।

उन्होंने कहा, ''भारत एक धार्मिक देश है लेकिन कांग्रेस ने अयोध्या में भगवान राम (मंदिर में राम लला की मूर्ति) की 'प्राण प्रतिष्ठा' को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का कार्यक्रम करार दिया। कांग्रेस ने भगवान राम के अस्तित्व को भी नकार दिया।''

निरुपम ने अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया लेकिन कहा कि वह लोकसभा चुनाव लड़ेंगे और जीतेंगे। उनके निर्दलीय चुनाव लड़ने संबंधी सवाल पर उन्होंने कोई टिप्पणी नहीं की।

कांग्रेस की मुंबई इकाई के पूर्व प्रमुख ने यह भी दावा किया कि पार्टी के भीतर वैचारिक भ्रम व्याप्त है।

निरुपम ने कहा कि उन्होंने जनता के बीच जो कहा, वह कांग्रेस के खिलाफ नहीं था बल्कि वह तो पार्टी से शिवसेना-यूबीटी के सामने आत्मसमर्पण नहीं करने को कह रहे थे। उन्होंने कहा, ''धर्मनिरपेक्षता का मतलब अपने धर्म की अवहेलना करना नहीं है।''

पूर्व सांसद ने कहा कि अगर पार्टी दूसरों के कहने पर अपने ही नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करेगी तो पार्टी में कौन बचेगा? उन्होंने दावा किया, ''कांग्रेस अब इतिहास बन चुकी है और उसका कोई भविष्य नहीं है।''

निरुपम ने यह भी कहा कि जो लोग अपने राजनीतिक मृत्युलेख लिखना चाहते हैं उन्हें चार जून के बाद अपनी जमीन खिसकती हुई महसूस होगी।



निरुपम की नजर मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा क्षेत्र पर थी और आगामी संसदीय चुनावों के लिए शिवसेना (यूबीटी) को यह सीट देने को लेकर वह कांग्रेस से नाराज थे।

निरुपम के खिलाफ कार्रवाई की मांग तब बढ़ गई जब उन्होंने लोकसभा चुनाव के लिए महा विकास आघाडी (एमवीए) गठबंधन के तहत सीट-बंटवारे की बातचीत के दौरान मुंबई की सीट उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी को देने को लेकर महाराष्ट्र कांग्रेस नेतृत्व की आलोचना की।

इससे पहले बुधवार को कांग्रेस ने स्टार प्रचारक की सूची से निरुपम का नाम हटा दिया था, जिससे संकट के बढ़ने का संकेत मिला।

इसके बाद निरुपम ने तीखा हमला बोलते हुए कहा कि पार्टी "गंभीर वित्तीय संकट" का सामना कर रही है, इसलिए उसे खुद को बचाने के लिए स्टेशनरी तथा ऊर्जा का उपयोग करना चाहिए। उन्होंने पार्टी के खिलाफ आयकर विभाग की कार्रवाई के संदर्भ में यह कहा था।

मुंबई उत्तर से पूर्व सांसद निरुपम ने यह भी कहा था कि कांग्रेस नेतृत्व को शिवसेना (यूबीटी) की धौंस में नहीं आना चाहिए।

उन्होंने दावा किया था कि मुंबई में एकतरफा तरीके से उम्मीदवार उतारने के शिवसेना (यूबीटी) के फैसले को स्वीकार करना कांग्रेस के विनाश की अनुमति देने जैसा है।

निरुपम ने 2005 में शिवसेना छोड़ दी थी। 2009 में वह मुंबई उत्तर सीट से जीते थे। वह 2014 में मुंबई उत्तर सीट से भाजपा के गोपाल शेट्टी के खिलाफ चुनाव हार गए थे।
 

भाषा
मुंबई


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