TMC नेता डेरेक ओ ब्रायन ने कहा- संसद ‘गहरे और अंधेरे कक्ष’ में तब्दील हो गई है
तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओब्रायन ने केंद्र सरकार पर संसद की सुरक्षा चूक के मुद्दे पर चुप्पी साधे रखने का आरोप लगाया और बुधवार को कहा कि संसद ‘गहरे, अंधेरे कक्ष’ में तब्दील हो गई है।
![]() तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओब्रायन (फाइल फोटो) |
ओब्रायन ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि अब के विपरीत, 2001 के संसद हमले के बाद, तत्कालीन प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने लोकसभा और राज्यसभा में बयान दिए थे।
उन्होंने कहा, ‘‘वर्ष 2001 संसद हमला: 3 कार्य दिवसों में, संसद में पूरी चर्चा। प्रधानमंत्री ने राज्यसभा में और गृह मंत्री ने लोकसभा में बयान दिया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘2023 सुरक्षा चूक: सरकार चुप है। गृह मंत्री से चर्चा और बयान की मांग करने पर 146 सांसद निलंबित। संसद एक गहरे, अंधेरे कक्ष में बदल गई।’’
2001 Parliament attack: In 3 working days, a full discussion in Parliament. PM gave statement in Rajya Sabha, Home Minister in Lok Sabha
— Derek O'Brien | ডেরেক ও'ব্রায়েন (@derekobrienmp) December 27, 2023
2023 breach: GOVT SILENT. 146 MPs suspended for demanding discussion & statement from Home Min
Parliament turned into a deep, dark chamber
ज्ञात हो कि 13 दिसंबर को, 2001 के संसद हमले की बरसी पर दो लोग शून्यकाल के दौरान लोकसभा की दर्शक दीर्घा से सदन में कूद गए थे। उन्होंने इस दौरान अपने जूते में छिपे कैन से पीली गैस छोड़ी और नारे भी लगाए। बाद में कुछ सांसदों ने उन्हें कब्जे में लिया।
इस घटना के बाद, विपक्षी सांसदों ने सुरक्षा चूक पर संसद में चर्चा कराए जाने और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से एक बयान की मांग की।
इस दौरान हंगामा करने और नियमों की अवहेलना करने के लिए लोकसभा में 100 और राज्यसभा में 46 विपक्षी सांसदों को निलंबित कर दिया गया। निलंबित होने वाले पहले राज्यसभा सांसद ओब्रायन के खिलाफ भी विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाया गया क्योंकि निलंबित होने के बाद भी वह सदन में बने रहे थे। इस मामले को सदन की विशेषाधिकार समिति के पास भेज दिया गया है।
संसद के रिकॉर्ड के अनुसार, दिसंबर 2001 में संसद पर हमले के बाद दोनों सदनों में बहस हुई थी और तत्कालीन गृह मंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने बहस का जवाब दिया था जबकि प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने दोनों सदनों में चर्चा में हस्तक्षेप किया था।
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