महाराष्ट्र मंत्रिमंडल विस्तार में अजीत पवार को वित्त,बीजेपी ने अधिकांश विभाग एनसीपी को सौंपी

Last Updated 14 Jul 2023 05:45:20 PM IST

महाराष्ट्र में मंत्रिमंडल का विस्तार हो गया। शुक्रवार को एनसीपी की तरफ से शामिल मंत्रियों को उनके विभाग आवंटित कर दिए गए।


Ajeet Pawar

 डिप्टी सीएम बने एनसीपी नेता अजित पवार को वित्त जैसी बड़ी जिम्मेदारी मिली है। उन्हें योजना विभाग की जिम्मेदारी भी दी गई है। वहीं उनके साथ शरद पवार का साथ छोड़कर आए एनसीपी नेता छगन भुजबल, धनंजय मुंडे और हसन मुशरीफ को भी अहम विभाग मिले हैं। भाजपा ने एनसीपी नेताओं को खुश करने के लिए कुछ समझौते भी किए हैं। बीजेपी ने अपने अधिकांश विभाग एनसीपी को दे दिए हैं। जबकि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खेमे के पास अब कृषि विभाग नहीं रहेगा।

विभागों का बंटवारा इस प्रकार हुआ है।
वित्त - अजित पवार
कृषि - धनंजय मुंडे
सहकार-दिलीप वलसे पाटिल
चिकित्सा शिक्षा - हसन मुश्रीफ
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति - छगन भुजबल
खाद्य एवं औषधि प्रशासन - धर्मराव अत्राम
खेल - अनिल भाईदास पाटिल
महिला एवं बाल कल्याण - अदिति तटकरे।
बता दें कि, महाराष्ट्र में लंबी जद्दोजेहद के बाद आखिरकार सीएम शिंदे ने एनसीपी के नवनियुक्त मंत्रियों के विभागों के बंटवारे पर अंतिम मुहर लगा दी है. एनसीपी के कोटे में सात महत्वपूर्ण मंत्रालय आ गए हैं जिनमें वो वित्त मंत्रालय भी शामिल है जिसे लेकर काफी दिनों से रस्साकशी चल रही थी. इसके अलावा एनसीपी को योजना,खाद्य और नागरिक आपूर्ति, सहकारी समितियां, महिला और बाल विकास, कृषि, राहत और पुनर्वास, चिकित्सा शिक्षा मंत्रालय भी मिल गया है।


अजित पवार शुरू से ही वित्त मंत्रालय के लिए आतुर थे।
ऐसी चर्चा थी कि वित्त और सहकारिता मंत्रालय को लेकर एनसीपी व शिंदे गुट के बीच खींचतान चल रही है, जिसके चलते विभागों का बंटवारा अभी तक नहीं हो सका था। अजित पवार वित्त और सहकारिता मंत्रालय एनसीपी के पास रखने को लेकर आक्रामक थे। असल में अजित पवार गुट वित्त के साथ ही सहकारिता मंत्रालय को लेकर आक्रामक थे, क्योंकि यह एनसीपी के लिए बहुत महत्वपूर्ण था। दर्जन भर से अधिक एनसीपी नेता सहकारी या निजी चीनी कारखाने चला रहे हैं। साथ ही उनका सहकारी बैंकों पर भी नियंत्रण है। उन्हें दोनों क्षेत्रों में भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में अब उनके पास सहकारी मंत्रालय होगा तो उनकी समस्याओं का समाधान तेजी से हो सकेगा।


बता दें कि पिछले रविवार (2 जुलाई) को अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री और छगन भुजबल, दिलीप वलासे पाटिल, हसन मुश्रीफ, धनंजय मुंडे, संजय बनसोडे, अदिति तटकरे और धर्मरावबाबा अत्राम ने मंत्री पद की शपथ ली है। एनसीपी संस्थापक शरद पवार गुट ने उन 9 विधायकों को अस्थायी तौर पर निलंबित करने की मांग की है, जिन्होंने अजित पवार का समर्थन किया है और शिंदे-फडणवीस सरकार में मंत्री पद की शपथ ली है। इन विधायकों के खिलाफ एनसीपी विधायक और ग्रुप लीडर जयंत पाटिल ने विधानसभा स्पीकर हाउस में याचिका दायर की है। याचिका में मांग की गई है कि इन विधायकों को अस्थायी तौर पर निलंबित करने की कार्रवाई की जाए।

सीएम शिंदे खेमे के नेता अब्दुल सत्तार के पास इससे पहले कृषि विभाग था। इसे उनसे लेकर अजित गुट को दिया गया है। वहीं शिंदे गुट के नेता संजय राठौड़ के पास मौजूद रहा एफडीए को भी अजित पवार के खेमे को दे दिया गया है। बीजेपी ने गिरीश महाजन के पास से मेडिकल शिक्षा और खेल वापस लिया। मेडिकल शिक्षा एनसीपी के नेता हसन मुशरीफ को सौंपा गया है। वहीं खेल अनिल भाईदास पाटिल को मिला है। मंगल प्रभात लोढ़ा के पास महिला एवं बाल कल्याण लेकर अदिति तटकरे को सौंपा है। रवींद्र चव्हाण के पास खाद्य और नागरिक आपूर्ति लेकर छगन भुजबल को दिया है।

शंकर जी विश्वकर्मा
नई दिल्ली


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