Election Voting: कर्नाटक में शांतिपूर्ण मतदान, करीब 72 फीसदी वोटिंग; Exit Poll में BJP और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर

Last Updated 11 May 2023 10:33:52 AM IST

कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बुधवार को करीब 72 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया, जहां सत्तारूढ़ भाजपा, विपक्षी कांग्रेस और ‘किंगमेकर’ बनने की उम्मीद कर रही जद(एस) के बीच जबरदस्त मुकाबला देखा गया है।


एग्जिट पोल के अनुसार दक्षिण भारत में भाजपा के गढ़ कर्नाटक में त्रिशंकु विधानसभा बन सकती है और कांग्रेस सबसे आगे रह सकती है जबकि कुछ एग्जिट पोल के मुताबिक कांग्रेस अपने दम पर बहुमत हासिल कर सकती है।

राज्य की 224 सदस्यीय विधानसभा के लिए मतगणना 13 मई को होगी।

निर्वाचन आयोग ने कहा कि रात 10 बजे तक के ताजा आंकड़ों के मुताबिक 71.77 फीसदी मतदान हुआ। अंतिम आंकड़े बृहस्पतिवार तक पता चल पाएंगे।

राज्य में सबसे कम 48.63 प्रतिशत मतदान बृहत बेंगलुरु महानगर पालिके (बीबीएमपी) दक्षिण सीमा (बेंगलुरु शहर के कुछ हिस्सों) में दर्ज किया गया।

कर्नाटक ने 2018 के विधानसभा चुनावों में 72.36 प्रतिशत मतदान दर्ज किया था। उस चुनाव में त्रिशंकु विधानसभा बनी थी, जिसमें भाजपा 104 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी, लेकिन बहुमत के आंकड़े से थोड़ी दूर रह गई थी।

आयोग ने कहा, “कर्नाटक के सभी 224 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान काफी हद तक शांतिपूर्ण रहा और 58,545 मतदान केंद्रों में से किसी में भी पुनर्मतदान के संकेत नहीं मिले हैं।”

आयोग ने कहा कि जिलों से प्राप्त रिपोर्टों के अनुसार कुछ क्षेत्रों से हिंसा की सूचना मिली है। एक गांव में ऐसी ही एक घटना सामने आई, जहां गांववालों ने कथित तौर पर चुनाव अधिकारी से दुर्व्यवहार किया।

राज्य भर के 58,545 मतदान केंद्रों पर कुल 5.31 करोड़ मतदाता वोट डालने के योग्य थे। चुनाव में 2,615 उम्मीदवारों ने किस्मत आजमाई है।

एक ओर, भाजपा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भरोसे कर्नाटक में 38 साल से चली आ रही परंपरा तोड़ना चाह रही है, जहां किसी एक पार्टी को लगातार दो चुनाव में जीत नहीं मिली है।

दूसरी ओर, कांग्रेस मनोबल बढ़ाने वाली जीत की उम्मीद कर रही है ताकि 2024 के लोकसभा चुनावों में खुद को मुख्य विपक्षी दल के रूप में स्थापित कर सके।

पूर्व प्रधानमंत्री एच. डी. देवेगौड़ा के नेतृत्व में जनता दल (सेक्युलर) को चुनाव प्रचार में अपनी पूरी शक्ति झोंकते देखा गया। पार्टी नेताओं ने कहा कि जद-एस चुनाव में ‘किंगमेकर’ नहीं, बल्कि विजेता बन कर उभरना चाहता है। दिल्ली और पंजाब में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी ने भी चुनाव में उम्मीदवार उतारे थे।

मतदान के बाद आए ज्यादातर चुनाव बाद सर्वेक्षणों (एग्जिट पोल) में कांग्रेस के सबसे बड़े दल के तौर पर उभरने का अनुमान लगाया गया है।

‘जी न्यूज’ और ‘मैट्रिज’ एग्जिट पोल में कांग्रेस को 41 प्रतिशत मतों के साथ 103 से 118 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है। इसके मुताबिक, भारतीय जनता पार्टी को 36 प्रतिशत मतों के साथ 79 से 94 सीटें मिलने का अनुमान है तथा जनता दल (सेक्युलर) को 17 प्रतिशत मतों के साथ 25 से 33 सीटें मिल सकती हैं।

‘टीवी 9’ और ‘पोलस्ट्रेट’ की ओर से किए गए चुनाव बाद सर्वेक्षण में कहा गया है कि कांग्रेस को 99 से 109 सीटें मिल सकती हैं जबकि भाजपा को 88 से 98 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है। इस एग्जिट पोल में यह अनुमान भी लगाया गया है कि जद (एस) को 21 से 26 सीटें मिल सकती हैं।

‘एबीपी न्यूज’ और ‘सी वोटर’ के एग्जिट पोल में संभावना जताई गई है कि कांग्रेस को 100 से 112 सीटें मिल सकती हैं तथा भाजपा को 83 से 95 और जद (एस) को 21 से 29 सीटें हासिल हो सकती हैं।

मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने ‘एग्जिट पोल’ को खारिज करते हुए कहा कि उनकी पार्टी स्पष्ट बहुमत से जीतेगी।

बोम्मई ने अपने गृह निर्वाचन क्षेत्र शिग्गांव में संवाददाताओं से कहा, “एग्जिट पोल एग्जिट पोल होते हैं। वे 100 फीसदी सही नहीं हो सकते। पूरा परिदृश्य बदल सकता है। हमारी ग्राउंड रिपोर्ट कहती है कि हम पूर्ण बहुमत से जीतेंगे। 13 मई तक प्रतीक्षा करें।”

बोम्मई के अलावा, मतदान करने वालों में पूर्व प्रधानमंत्री एच. डी. देवेगौड़ा, कर्नाटक से राज्यसभा सदस्य केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, केंद्रीय संसदीय मामलों के मंत्री प्रल्हाद जोशी, पूर्व मुख्यमंत्रियों बी. एस. येदियुरप्पा, डी वी सदानंद गौड़ा, सिद्धरमैया, जगदीश शेट्टार और सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग के दिग्गज नारायण मूर्ति व उनकी पत्नी सुधा मूर्ति शामिल रहीं।

हासन जिले के बेलूर तालुक के चिक्कोले गांव में, 49 वर्षीय जयन्ना की वोट डालने के तुरंत बाद दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई। एक अन्य घटना में बेलगावी जिले के यारझारवी गांव में परव्वा सिडनाल (70) की वोट डालने से पहले ही मौत हो गई।

इससे पहले दिन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कर्नाटक के लोगों से बड़ी संख्या में मतदान करने और “लोकतंत्र के त्योहार” को समृद्ध बनाने का आग्रह किया।

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी कर्नाटक के लोगों से प्रगतिशील और “40-प्रतिशत-कमीशन-मुक्त” सरकार बनाने के लिए बड़ी संख्या में मतदान करने की अपील की।
 

भाषा
बेंगलुरु


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