कर्नाटक विधान सभा चुनाव में क्यों महत्वपूर्ण हो गई नंदिनी?

Last Updated 02 May 2023 03:04:16 PM IST

कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस और भाजपा दोनों ने अपने-अपने घोषणा पत्र जारी कर दिए हैं। दोनों पार्टियों ने खूब लोकलुभावन वादे किए हैं, लेकिन इन दोनों के घोषणा पत्र के बीच नंदिनी ने बाजी मार ली है। अब से पहले नंदिनी कर्नाटक समेत अन्य 7 राज्यों में जानी जाती थी,आज पूरे देश में जाने जानी लगी है, और इसका श्रेय जाता है भाजपा को। दरअसल नंदिनी कर्नाटक में दूध का एक फेमस ब्रांड है, जिस प्रकार से अमूल दूध का ब्रांड है, वैसे ही नंदनी है।


कर्नाटक विधान सभा चुनाव में क्यों महत्वपूर्ण हो गई नंदिनी?

कुछ महीने पहले अमूल ब्रांड ने कर्नाटक में घुसने की कोशिश की थी, जिसका वहां के स्थानीय लोगों ने बहुत विरोध किया था, क्योंकि वहां बीजेपी की सरकार है, लिहाजा लोगों के विरोध के बाद बीजेपी को बैकफुट पर आना पड़ा, लेकिन तब तक पूरे कर्नाटक के लोगों को यह जानकारी हो गई थी कि बीजेपी की वजह से ही अमूल दूध की एंट्री कर्नाटक में हो रही है। यहां बता दें कि अमूल दूध इंडिया का सबसे बड़ा ब्रांड है, जो तकरीबन सवा दो करोड़ लीटर दूध की खरीद प्रतिदिन करता है। जबकि नंदिनी तकरीबन 84 लाख लीटर लीटर दूध की खरीद प्रतिदिन करता है।

कर्नाटक के 70 प्रतिशत लोग नंदिनी के बने प्रोडक्ट का ही इस्तेमाल करते हैं। मसलन नंदिनी का दूध, नंदिनी का दही, नंदिनी का पनीर वगैर-वगैर। दोनों के दामों में बहुत अंतर है। जहां अमूल दूध का एक पैकेट यानी 1 लीटर वाला पैकेट 52 रुपए में बिकता है, वहीं नंदिनी का 1 लीटर का पैकेट 39 रुपए में बिकता है। नंदनी दूध की कीमतें कम होने के पीछे का जो सबसे बड़ा कारण है, वह है सरकार द्वारा सब्सिडी दिया जाना। कर्नाटक में जिसकी भी सरकार बनती है, वह दूध को दी जाने वाली सब्सिडी को बढ़ा देता है। यानी 2 रुपए प्रति किलो सब्सिडी देने की शुरुआत हुई थी। बाद में वह कांग्रेस की सरकार में 4 रुपए हो गई। जबकि बीजेपी की सरकार बनी तब से सब्सिडी बढ़ाकर 6 रुपए प्रति लीटर कर दी गई।

नंदनी की कीमत कितनी है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि भारतीय जनता पार्टी ने जो अपना घोषणापत्र जारी किया है, उसमें तमाम लोकलुभावन वादों के साथ-साथ नंदिनी का भी उसमें जिक्र किया गया है। अपने घोषणा पत्र में बीजेपी ने कर्नाटक की जनता को भरोसा दिलाया है कि जो बीपीएल कार्ड धारी होंगे, उन्हें प्रतिदिन नंदिनी का आधा लिटर दूध फ्री में दिया जाएगा। जिस बीजेपी पर अमूल दूध को कर्नाटक में लाने का आरोप लगा था, अब वही बीजेपी अमूल ब्रांड को अब कर्नाटक में लाने की बात नहीं कर रही है। यही नहीं, नंदिनी दूध को फ्री में बांटने की भी बात कर रही है।

 हालांकि कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में स्पष्ट कर दिया है कि अगर उसकी सरकार बनती है तो 200 यूनिट बिजली कर्नाटक की जनता को फ्री में दी जाएगी।  जिस परिवार की मुखिया महिला होगी, उसे प्रति महीने 3000 रुपए दिए जाएंगे। बेरोजगार युवाओं को 2000 रुपए प्रति माह दिए जाएंगे, जबकि जिन्होंने डिप्लोमा किया हुआ है, उन्हें 2 साल तक 1500 रुपए प्रति महीने दिए जाएंगे।

कांग्रेस ने आरक्षण को 75 प्रतिशत करने की  बाद की है। उधर बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने की बात की है। हालांकि घोषणा पत्र जारी करना राजनीतिक पार्टियों का एक सगल होता है। घोषणा पत्र जारी करना राजनैतिक पार्टियों के लिए एक रस्म होती है,जिसे हर चुनाव में सभी पार्टियां निभाती हैं, लेकिन इस बार कर्नाटक के चुनाव में नंदिनी की भूमिका बढ़ गई है। अब देखना यह है कि कर्नाटक के चुनाव में जिस नंदनी की वजह से भाजपा की किरकिरी हुई थी, उस नंदिनी का दूध भाजपा को कितना चिरंजीव बनाता है।

शंकर जी विश्वकर्मा
नई दिल्ली


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment