West Bengal में दलित लड़की की हत्या पर राजनीति क्यों हो रही है?
एक दलित समुदाय की मासूम लड़की की हत्या हो जाती है और कुछ लोग उसको न्याय दिलाने के नाम पर गन्दी राजनीती करने लगते हैं। मामला वेस्ट बंगाल के दिनाजपुर जिले के कालियागंज नगर का है।
![]() West Bengal में दलित लड़की की हत्या पर राजनीति |
बीते 21 अप्रैल को दलित परिवार की एक लड़की लापता होती है, उसके बाद उसकी लाश को वहीं के एक नहर से बरामद की जाती है। उसकी हत्या किसने की, लड़की लापता हुई थी या उसका किसी ने अपहरण किया था ,यह जाने बगैर वहां तोड़ फोड़ शुरू हो गई। मासूम लड़की का परिवार दुखी था अपनी बच्ची की हत्या को लेकर सदमे में था जबकि कुछ लोग इसे राजनितिक रंग देने में उलझे हुए थे। उधर सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच भी खूब राजनीती हो रही है।
कालियागंज में दलित परिवार की लड़की के साथ जो कुछ भी हुआ वो बेहद शर्मनाक हैं। मृतका के परिजन उसके साथ बलात्कार होने आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने एक स्थानीय लड़के के खिलाफ अपनी बेटी के साथ बलात्कार और हत्या करने का आरोप लगाया है। परिजनों ने उस लड़के के साथ उसके पिता को भी आरोपित किया है। इस मामले में एक वीडियो का जिक्र हो रहा है। कहा जा रहा है कि एक वीडियो में पुलिस वाले मृतका के शव को घसीटते हुए दिख रहे हैं। वीडियो कितना सही है, इसको लेकर जांच चल रही है, लेकिन पुलिस का यह घिनौना चेहरा देखकर लोग आक्रोशित हैं। हालांकि इस मामले में चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।
यह मामला कलकत्ता हाईकोर्ट में भी चला गया है। हाई कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए सख्त आदेश दिया है कि मृतका की पोस्टमार्टम रिपोर्ट उसके परिजनों को उपलब्ध करा दिए जाएँ और इसकी प्रॉपर जांच कराकर रिपोर्ट पेश करें। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने वहां का दौरा किया है। आयोग ने वहां के प्रशासन और पुलिस के खिलाफ नारजगी जताई है। आयोग का आरोप है कि जब आयोग की टीम वहां पहुंची तो जिले के डीएम और एसपी मौके पर नहीं गए। जबकि मामला बेहद ही गंभीर था। लड़की नाबालिग थी, लिहाजा बाल सरंक्षण आयोग की टीम भी वहां गई थी।
वहां के लोग इतने आक्रोशित है कि वहां धारा 144 लगानी पड़ी है। मृतका के परिजन अपनी घर की बेटी की हत्या के बाद परेशान हैं, दुखी हैं, वो आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। उनकी मांग कब पूरी होगी ,उनकी बेटी के साथ कब न्याय होगा, इसे छोड़ राजनैतिक पार्टियां राजनीति करने में लगी हुई हैं। विपक्षी पार्टी भाजपा ने एक दिन का सम्पूर्ण बंद का आह्वान कर सबको साथ आने और मृतका को न्याय दिलाने एवं आरोपियों के खिलाफ कार्यवाई करने में साथ देने की मांग की है। उधर सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा पर नाहक में राजनीति करने का आरोप लगाया है।
वेस्ट बंगाल वैसे देश का ऐसा राज्य बन चूका है, जहाँ कुछ न कुछ मामले होते ही आते जा रहे हैं। कहीं हिन्दू-मुस्लिम को लेकर लड़ाइयां छिड़ जाती हैं, तो कहीं किसी के साथ हत्या और ब्लात्कार जैसी की घटनाएं हो जाती हैं। ऐसे में ममता सरकार भी आज सवालों के घेरे में है। चूँकि जवाबदेही ममता सरकार की है, ऐसे में बेहतर यही होता कि सरकार राजनीति करने या विपक्षी पार्टी भाजपा पर आरोप लगाने की बजाय लड़की के हत्यारों को जल्दी ढूंढ निकाले और आरोपियों को सख्त से सख्त सजा दिलाने का प्रावधान करे।
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