एक मामले में देश के सभी मुख्यमंत्रियों से पीछे हैं ममता बनर्जी
किसी आम आदमी पर हत्या, हत्या का प्रयास और अपहरण जैसे मामले दर्ज हों तो उसे बड़ा अपराधी मान लिया जाता है। वह व्यक्ति जहां रहता है वहां आसपास के लोग ऐसे लोगों से दूरियां बना लेते हैं, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि हमारे देश के 13 मुख्यमंत्री ऐसे हैं जिन पर ऐसे ही मामलों को लेकर मुकदमे दर्ज हुए हैं। फिर भी मुख्यमंत्री जैसे संवैधानिक पदों पर बैठे हैं।
![]() बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी |
बात सुनने में कुछ अटपटी लग सकती है। इस खबर को पढ़कर लोग सोचने पर मजबूर भी हो सकते हैं, लेकिन इसमें सच्चाई है। वैसे यह जानकारी प्राप्त हुई है, एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स यानी एडीआर की ताजी रिपोर्ट से। एडीआर भले ही कोई सरकारी संस्था ना हो लेकिन इसकी रिपोर्ट पर देश के लोग भरोसा करते हैं। विश्वास करते हैं।
इस रिपोर्ट के मुताबिक देश की सबसे गरीब मुख्यमंत्री हैं, वेस्ट बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी। जबकि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी सबसे अमीर मुख्यमंत्री हैं। उनके पास 510 करोड़ रुपए की संपत्ति है। चौंकाने वाली बात यह है कि अरुणाचल प्रदेश जैसे छोटे राज्य के मुख्यमंत्री पेमा खांडू देश के दूसरे सबसे अमीर मुख्यमंत्री हैं। उनके पास 163 करोड़ रुपए की संपत्ति है जबकि ममता बनर्जी के पास मात्र 15 लाख रुपए की संपत्ति है।
इस रिपोर्ट में 28 राज्य और 2 केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों की जानकारी दी गई है। एडीआर ने 30 मुख्यमंत्रियों के शपथ पत्र का विश्लेषण किया है, जिसके बाद जानकारी मिली है कि देश के 29 मुख्यमंत्री करोड़पति हैं। यानी 97 प्रतिशत मुख्यमंत्री करोड़पति है। औसत निकाला जाए तो एक मुख्यमंत्री के पास लगभग 34 करोड़ की संपत्ति है। संपत्ति को लेकर तो बातें होती रहती हैं। मुख्यमंत्रियों की सम्पत्ति बढ़ना भले ही कोई बड़ी बात ना हो लेकिन इस रिपोर्ट के माध्यम से जो सबसे चौकानेवाले जानकारी मिली है, वह यह है कि 30 मुख्यमंत्रियों में से 13 मुख्यमंत्री ऐसे हैं जिनके खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं।
इनमें हत्या, हत्या का प्रयास और अपहरण जैसे मामले भी शामिल हैं। जो भी मामले दर्ज हैं वो लगभग सभी गैर जमानती हैं। जिसमें 5 साल से ऊपर की सजा का प्रावधान है। यह रिपोर्ट निश्चित ही सोचने पर मजबूर करती हैं साथ ही सवाल भी खड़े करती है कि मामूली धाराओं में मुकदमा दर्ज होने पर एक आदमी जेल की सलाखों के पीछे चला जाता है जबकि देश के इतने बड़े पदों पर बैठे लोग इतने मुकदमे दर्ज होने के बावजूद संवैधानिक पदों पर कैसे बैठे हैं?
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