प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और आयकर विभाग ने भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में कोल्हापुर और पुणे में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के वरिष्ठ नेता हसन मुश्रीफ और उनके सहयोगियों के घर और कुछ अन्य स्थानों पर बुधवार तड़के छापा मारा।
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भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने पूर्व मंत्री के खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं, भ्रष्टाचार और करोड़ों रुपये की मनी-लॉन्ड्रिंग के आरोप लगाए। इन आरोपों के बाद जांच एजेंसियों ने दोनों शहरों में छापे मारे।
ईडी-आईटीडी के अधिकारियों ने कड़ी सुरक्षा के बीच कोल्हापुर के कागल शहर में मुश्रीफ के घर और राकांपा नेता से जुड़े अन्य स्थानों पर छापेमारी की और कुछ दस्तावेजों और अन्य सबूतों को जब्त कर लिया।
कुछ समय से जांच एजेंसियों के राडार पर रहे मुश्रीफ ने सोमैया के आरोपों का खंडन किया और कहा कि एक विशेष समुदाय के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है।
मुंबई से कांग्रेस के पूर्व मंत्री असलम शेख का नाम लेते हुए सोमैया ने चेतावनी दी, मुश्रीफ की उलटी गिनती शुरू हो गई है। हसन मियां को अब अपना धर्म क्यों याद आता है? इसके बाद और भी कई नेता हैं जिन्हें इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
उन्होंने शेल या फर्जी कंपनियों के माध्यम से मुश्रीफ, उनके सहयोगियों और अन्य लोगों से जुड़े कथित पैसे के सौदों के कई उदाहरणों का हवाला दिया कि कैसे सैकड़ों करोड़ रुपये के अन्य अवैध सौदों के लिए धन भेजा गया था।
सोमैया के आरोपों में मुश्रीफ ने अप्पासाहेब नलवाडे गढ़िंगलाज सहकारी चीनी मिल लिमिटेड का नियंत्रण हड़पना, अदायगी और संदिग्ध लेन-देन के माध्यम से भारी मात्रा में मनी-लॉन्ड्रिंग करना शामिल है, जिससे उन्हें, उनके परिवार या सहयोगियों को लाभ हुआ।
बड़ी संख्या में एनसीपी कार्यकर्ता मुश्रीफ के घर के बाहर जमा हुए और गुस्से में विरोध प्रदर्शन किया। साथ ही भाजपा और जांच एजेंसियों के खिलाफ नारे लगाए और बुधवार को 'कोल्हापुर बंद' का आह्वान किया।
अनिल देशमुख और नवाब मलिक के बाद, शिवसेना (यूटी) के सांसद संजय राउत के अलावा मुश्रीफ एनसीपी के तीसरे वरिष्ठ नेता हैं, जिन्हें पिछले कुछ वर्षों में विभिन्न जांच एजेंसियों द्वारा निशाना बनाया गया है।
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