Tamilnadu Tsunami: तमिलनाडु में सुनामी में मारे गए लोगों को किया गया याद, मनाई 18वीं बरसी
इतिहास में 26 दिसंबर का दिन एक दुखद घटना के रूप में दर्ज है। दरअसल वर्ष 2004 में इसी दिन इंडोनेशिया के उत्तरी भाग में स्थित असेह के निकट रिक्टर पैमाने पर 8.9 तीव्रता के भूकंप के बाद समुद्र के भीतर उठी सुनामी ने भारत सहित कई देशों में भारी तबाही मचाई थी।
![]() तमिलनाडु में सुनामी की मनाई गई 18वीं बरसी (प्रतिकात्मक फोटो) |
साल 2004 में आई सुनामी की बरसी के मौके पर सोमवार को तमिलनाडु के विभिन्न जिलों में बड़ी संख्या में एकत्र हुए लोगों ने मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
चेन्नई से कन्याकुमारी तक तटरेखा के किनारे रहने वाले लोगों ने समुद्र तट पर एक मौन जुलूस निकाला और समुद्र में दूध डालकर व फूल पत्तियां छिड़क कर अपने परिजन को अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि दी।
साल 2004 में क्रिसमस मनाने के लिए वेलंकन्नी गए कई मछुआरों और आम लोगों की सुनामी की जानलेवा लहरों में मौत हो गई थी।
नागपट्टिनम जिले में लगभग 6,065 लोग मारे गए थे। यहां बड़ी संख्या में मछुआरों, आम लोगों, व्यापारियों और राजनीतिक दल के सदस्यों ने विशाल जुलूस निकाला और अक्कराईपेट्टाई में दिवंगतों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
सुनामी के दौरान कई बच्चे अनाथ हो गए थे और कुछ माता-पिता ने अपने बच्चों को खो दिया था।
सुनामी की 18वीं बरसी के मौके पर कुड्डलोर, थूथुकुडी और कन्याकुमारी के मछुआरों ने भी समुद्र में दूध डालकर और फूल पत्तियां छिड़ककर श्रद्धांजलि अर्पित की।
नागौर में, दरगाह के स्वामित्व वाली भूमि पर सामूहिक कब्रों पर श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
दक्षिण भारतीय मछुआरा कल्याण संघ के अध्यक्ष के. भारती के अनुसार, कई स्थानों पर मोमबत्तियां जलाई गईं और पीड़ितों की तस्वीरों वाले बैनर और होर्डिंग्स लगाए गए।
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