महाराष्ट्र के सांगली में भीड़ ने बच्चा-चोर होने के शक में 4 साधुओं को पीटा

Last Updated 14 Sep 2022 02:38:05 PM IST

यहां एक भीड़ ने बच्चा-चोर होने के शक में चार साधुओं की बेरहमी से पिटाई कर दी।


महाराष्ट्र साधु (फाइल फोटो)

ये साधु मथुरा के पंचनामा जूना अखाड़े के बताए जा रहे हैं। इस मामले में पुलिस ने छह लोगों को हिरासत में लिया है। पालघर जैसी इस घटना से एक ताजा राजनीतिक विवाद जन्म पैदा हो गया है। यह घटना मंगलवार को पश्चिमी महाराष्ट्र में जिले की जाट तहसील के लवंगा गांव में हुई। इस घटना ने पालघर जिले में तीन साधुओं की पीट-पीट कर हत्या की यादें ताजा कर दीं।

हालांकि अभी तक कोई औपचारिक पुलिस शिकायत दर्ज नहीं की गई है। इस घटना ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे-डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस की सरकार और विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के बीच एक ताजा राजनीतिक विवाद को जन्म दे दिया है।

स्थानीय लोगों के अनुसार, उत्तर प्रदेश के मथुरा के रहने वाले चार साधु कर्नाटक के बीजापुर से एक कार से महाराष्ट्र में दाखिल हुए थे और पंढरपुर के तीर्थस्थल की ओर जा रहे थे।

मंगलवार को वे कथित तौर पर एक लड़के से रास्ता पूछ रहे थे, तभी कुछ स्थानीय लोगों ने हस्तक्षेप किया और बच्चा चुराने वाले होने के संदेह में उन पर हमला किया।

इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो गया है, जिसमें कुछ लोगों को साधुओं पर लाठी और बेल्ट से हमला करते देखा जा रहा है। उधर, राजनीति के गलियारे में सत्ता और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा शिंदे-फडणवीस सरकार की आलोचना करते हुए कि यह भाजपा की गंदी राजनीति का हिस्सा है कि हिंदू साधुओं की इस तरह पिटाई की जा रही है।

पटोले ने कहा, "राज्य में भाजपा वर्चुअल शासन कर रही है, उपमुख्यमंत्री और गृहमंत्री (फडणवीस) भाजपा से हैं.. अब उनके पास क्या दिखाने लायक चेहरा बचा है?"

कांग्रेस महासचिव सचिन सावंत ने कहा कि इसी तरह की घटना अप्रैल 2020 में पालघर में हुई थी, जिसमें भाजपा के कई स्थानीय पदाधिकारी भी शामिल थे।

सावंत ने मांग की, "भाजपा ने उस घटना का इस्तेमाल एमवीए सरकार को 'हिंदू विरोधी' साबित करने के लिए किया .. सांगली में अब ऐसी ही स्थिति पैदा हो गई है। अभी किसकी सरकार है? क्या वे सीबीआई को जांच सौंपेंगे?"

सत्तारूढ़ भाजपा के प्रवक्ता राम कदम ने इस घटना को 'भयावह और बर्बर' करार दिया और मामले की पूरी जांच का आश्वासन देते हुए कहा कि राज्य में इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

सांगली के पुलिस अधीक्षक दीक्षित गेदाम ने मीडियाकर्मियों को बताया कि पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और कम से कम छह लोगों को हिरासत में लिया है। उन्होंने लोगों से ऐसी अफवाहों का शिकार न होने की अपील की है।

आईएएनएस
सांगली


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