पंजाब चुनाव से पहले आप ने चुनाव आयोग से किया सवाल

Last Updated 16 Jan 2022 04:09:22 AM IST

पंजाब चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि पार्टी के वोट शेयर में सेंध लगाने के लिए चुनाव आयोग ने एक राजनीतिक दल के पंजीकरण के लिए 'सार्वजनिक नोटिस अवधि' को 30 दिनों से घटाकर 7 दिन रखने की अनुमति दी है।


आप पंजाब के सह-प्रभारी और विधायक राघव चड्ढा (File photo)

आप पंजाब के सह-प्रभारी और विधायक राघव चड्ढा ने एक वर्चुअल सम्मेलन में कहा, "आप ने हाल ही में खुलासा किया था कि कैसे चुनाव आयोग एक विशेष पार्टी के गठन की सुविधा के लिए अपने नियमों में संशोधन करने की तैयारी कर रहा था। आदर्श आचार संहिता लागू होने के बावजूद इस राजनीतिक दल को चुनाव के बीच में जबरदस्ती पंजीकृत किया जा रहा है। हमने आगाह किया कि हर कोई अपने ढंग से कानून को परिभाषित करने में लगा है, जबकि कानून कहता है कि एक पार्टी को पंजीकरण से पहले तीस दिन की नोटिस अवधि देनी होगी।"

उन्होंने आगे कहा कि चुनाव आयोग द्वारा 14 जनवरी को जारी एक सर्कुलर आप द्वारा उठाई गई सभी सावधानियों की पुष्टि करता है। सर्कुलर में स्पष्ट शब्दों में कहा गया है कि इसने 'सार्वजनिक सूचना अवधि' को 30 दिन से घटाकर 7 दिन कर एक विशेष समूह को राजनीतिक दल के रूप में पंजीकृत कराने के लिए एक विशेष अपवाद बनाया है। इसका कारण महामारी बताया जा रहा है। चुनाव आयोग का तर्क है कि समूह को कोरोना के कारण पंजीकरण प्रक्रिया में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इस प्रकार यह उनके लिए यह विशेष उपकार कर रहा है।



आप विधायक ने चुनाव आयोग से पूछा है : यह पार्टी या राजनीतिक नेताओं का समूह कौन सा है - जिसके लिए आप ऐसा विशेष व्यवहार कर रहे हैं कि आप लंबे समय से चले आ रहे कानूनों में संशोधन कर रहे हैं, रियायतें दे रहे हैं और पंजीकरण की सुविधा प्रदान कर रहे हैं?

14 फरवरी को पंजाब में 16वीं विधानसभा के 117 सदस्यों को चुनने के लिए मतदान होगा। आप - राज्य में एक प्रमुख विपक्षी दल है, जिसने दिसंबर में चंडीगढ़ नगर निगम चुनावों में 35 में से 14 वार्डो में जीत हासिल की थी।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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