Cruise Drugs case: समीर वानखेड़े ने वसूली के आरोपों के खिलाफ किया अदालत का रुख, विजिलेंस जांच भी शुरू
मुंबई ड्रग्स मामला अब तेजी से तूल पकड़ रहा है। एनसीबी के मुंबई जोन के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े ने रंगदारी के आरोपों के खिलाफ अदालत का रुख किया है।
![]() वानखेड़े ने कोर्ट में दाखिल किया शपथ पत्र (फाइल फोटो) |
एनसीबी और वानखेड़े ने अदालत में हलफनामे दाखिल किये हैं।
वहीं, समीर वानखेड़े के खिलाफ विजिलेंस विभाग भी जांच शुरू कर दी है। एनसीबी ने क्रूज़ जहाज से मादक पदार्थ बरामदगी मामले में आरोपी आर्यन खान को छोड़ने के लिए एनसीबी की मुंबई क्षेत्रीय इकाई के निदेशक समीर वानखेड़े और कुछ अधिकारियों द्वारा 25 करोड़ रुपये मांगने संबंधी एक गवाह के दावे पर सतर्ककता जांच के आदेश दिए हैं।
शहर स्थित मुख्यालय में एनसीबी के उत्तरी क्षेत्र के उप महानिदेशक (डीडीजी) ज्ञानेश्वर सिंह यह जांच करेंगे। सिंह, संघीय मादक पदार्थ रोधी एजेंसी के मुख्य सतर्कता अधिकारी (सीवीओ) भी हैं।
राउत ने महाराष्ट्र को जानबूझ कर बदनाम करने की कोशिश करने का लगाया आरोप
शिवसेना सांसद संजय राउत ने सोमवार को कहा कि क्रूज जहाज पर मादक पदार्थ की जब्ती मामले के जरिए महाराष्ट्र को जानबूझ कर बदनाम करने की कोशिश की जा रही है और दावा किया कि ‘‘कुछ अधिकारी बेनकाब होंगे।’’
राउत ने यहां संवाददाताओं से बात करते हुए दावा किया कि क्रूज जहाज मादक पदार्थ मामले में अभिनेता शाहरूख खान के बेटे आर्यन खान की गिरफ्तारी से जुड़ी कुछ तस्वीरों में नजर आया सैम डिसूजा नाम का एक व्यक्ति मुंबई में सर्वाधिक धन शोधन करता है।
उन्होंने दावा किया कि डिसूजा के नेताओं और नौकरशाहों से अच्छे संबंध हैं।
गौरतलब है कि स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) ने तीन अक्टूबर को मुंबई के तट के पास, गोवा जा रहे एक क्रूज़ पोत पर छापेमारी के बाद शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान (23) और कुछ अन्य लोगों को गिरफ्तार किया था। एजेंसी ने क्रूज़ से मादक पदार्थ जब्त करने का दावा किया है।
मादक पदार्थ रोधी एजेंसी और वानखेड़े ने अदालत में दाखिल हलफनामे में कहा कि यह मामले में बाधा उत्पन्न करने और जांच को प्रभावित करने का एक प्रयास है।
एनसीबी ने हलफनामें में अनुरोध किया है कि मामले के सबूतों के साथ छेड़छाड़ और जांच बाधित नही होनीं चाहिए, जबकि वानखेड़े ने उनके खिलाफ लगे सभी आरोपों को खारिज कर दिया।
मामले में 'स्वतंत्र गवाह' प्रभाकर सैल ने रविवार को दावा किया था कि स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) के एक अधिकारी और कथित तौर पर फरार गवाह केपी गोसावी सहित अन्य ने आर्यन खान को छोड़ने के लिए 25 करोड़ रुपये की मांग की है।
सैल ने पत्रकारों से कहा था कि आर्यन को तीन अक्टूबर को एनसीबी कार्यालय लाने के बाद उन्होंने गोसावी को फोन पर सैम डिसूजा नामक एक व्यक्ति से 25 करोड़ रुपये की मांग करने और मामला 18 करोड़ रुपये पर तय करने के बारे में बात करते हुए सुना था, क्योंकि उन्हें ‘‘आठ करोड़ रुपये समीर वानखेडे (एनसीबी के जोनल निदेशक) को देने थे।’’
सैल ने दावा किया था कि वह जल्द ही सबूत भी पेश करेंगे।
एनसीबी और वानखेड़े ने सोमवार को अदालत को सौंपे गए अपने हलफनामे में इन दावों को खारिज किया है।
वानखेड़े ने रविवार को मुंबई पुलिस आयुक्त को पत्र लिख, अज्ञात लोगों द्वारा कथित सतर्कता संबंधी मामले में फंसाने के लिये उनके खिलाफ ''योजनाबद्ध'' कानूनी कार्रवाई किए जाने से सुरक्षा भी मांगी थी।
वर्ष 2008 बैच के आईआरएस अधिकारी वानखेड़े ने किसी का नाम लिए बिना दावा किया था कि अत्यधिक सम्मानित सार्वजनिक लोगों ने उन्हें मीडिया के माध्यम से जेल भेजने और बर्खास्तगी की धमकी दी है।
आर्यन अभी मुंबई की आर्थर जेल में बंद है। उनकी जमानत याचिका पर बंबई उच्च न्यायालय मंगलवार को सुनवाई करेगा।
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