प्रधानमंत्री मोदी को मिले 1,300 से अधिक उपहारों की शुरू हुई ई-नीलामी

Last Updated 17 Sep 2025 02:47:45 PM IST

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) को उपहार में मिली 1,300 से अधिक वस्तुओं को बुधवार को शुरू हुई ई-नीलामी में रखा गया है।


इन वस्तुओं में देवी भवानी की एक मूर्ति, अयोध्या के राम मंदिर का एक मॉडल और 2024 पैरालंपिक खेलों की खेल संबंधी यादगार चीजें शामिल हैं।

अधिकारियों ने बताया कि ऑनलाइन नीलामी के सातवें संस्करण की शुरुआत मोदी के जन्मदिन के साथ हो रही है, जो बुधवार को 75 वर्ष के हो गए। ई-नीलामी 2 अक्टूबर तक जारी रहेगी।

‘पीएम ममेंटोज’ की वेबसाइट के अनुसार, देवी भवानी की मूर्ति का आधार मूल्य 1,03,95,000 रुपये है, जबकि राम मंदिर के मॉडल का आधार मूल्य 5.5 लाख रुपये है।

संस्कृति मंत्रालय के अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि ये दोनों वस्तुएं, पैरालंपिक पदक विजेताओं के तीन जोड़ी जूते के आधार मूल्य के साथ शीर्ष पांच की श्रेणी में हैं। प्रत्येक जोड़ी जूते का आधार मूल्य 7.7 लाख रुपये है।

ई-नीलामी में शामिल अन्य वस्तुओं में जम्मू-कश्मीर का कढ़ाई वाला पश्मीना शॉल, राम दरबार की एक तंजौर पेंटिंग, एक धातु की नटराज प्रतिमा, जीवन वृक्ष को दर्शाती गुजरात की एक रोगन कला और एक हाथ से बुना हुआ नागा शॉल शामिल हैं।

इस संस्करण का एक विशेष आकर्षण पेरिस पैरालंपिक 2024 में भाग लेने वाले भारतीय पैरा-एथलीटों द्वारा उपहार में दिए गए खेलों के स्मृति चिन्ह हैं। संस्कृति मंत्रालय ने पहले एक बयान में कहा था कि ये प्रतीक पैरा-एथलीटों के जुझारूपन, उत्कृष्टता और अदम्य भावना के प्रतीक हैं।

ई-नीलामी का पहला संस्करण जनवरी 2019 में आयोजित किया गया था।

संस्कृति मंत्रालय ने मंगलवार को कहा, ‘‘तब से, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को दिए गए हजारों अनोखे उपहारों की नीलामी की जा चुकी है, जिससे नमामि गंगे परियोजना के समर्थन में 50 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जुटाई गई है।’’

केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मंगलवार को संवाददाताओं को बताया कि प्रधानमंत्री को मिले 1,300 से अधिक उपहारों की ऑनलाइन नीलामी की जाएगी।

पिछले वर्षों की तरह, ई-नीलामी से प्राप्त समस्त आय नमामि गंगे परियोजना में दी जाएगी, जो गंगा नदी और उसके पारितंत्र के पुनरुद्धार, संरक्षण और सुरक्षा के लिए भारत सरकार की प्रमुख पहल है।

मंत्रालय ने कहा, ‘‘ई-नीलामी न केवल नागरिकों के लिए इतिहास के एक अंश को अपने पास रखने का अवसर है, बल्कि एक महान मिशन - हमारी पवित्र नदी, गंगा के संरक्षण - में भाग लेने का भी अवसर है।’’

भाषा
नयी दिल्ली


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