‘ताउते’ के रात तक गुजरात तट से टकराने की आशंका, डेढ़ लाख से अधिक का स्थानांतरण

Last Updated 17 May 2021 03:01:16 PM IST

अरब सागर में उठे अति तीव्र (वेरी सिवीयर) श्रेणी के तूफ़ान ‘ताउते’ के आज रात आठ से 11 बजे के बीच गुजरात के महुवा (भावनगर) और पोरबंदर के बीच केंद्र शासित क्षेत्र दीव से 20 किमी पूर्व में तट से टकराने का अनुमान व्यक्त किया गया है।


‘ताउते’ के रात तक गुजरात तट से टकराने की आशंका

पहले इसके 18 मई की सुबह तट तक पहुंचने का अनुमान था।
मौसम विभाग की बुलेटिन के अनुसार यह तूफ़ान आज दोपहर साढ़े 12 बजे दीव तट से 162 किमी दक्षिण-दक्षिण पूर्व में स्थित था और इससे पहले के छह घंटे के दौरान 13 किमी प्रति घंटा की गति से आगे बढ़ रहा था। इसके गुजरात तट के और क़रीब पहुंचने के दौरान हवाओं की रफ़्तार 155 से लेकर 185 किमी प्रति घंटा तक हो सकती है। इसके साथ तटीय गुजरात में भावनगर, बोटाद, वलसाड, नवसारी, गिर, सोमनाथ, अमरेली, जूनागढ़ आदि में भारी से अति भारी और कहीं कहीं अत्यंत भारी वर्षा हो सकती है। इसके अलावा अहमदाबाद, वडोदरा, भरूच, वलसाड आदि में भारी से अति भारी वर्षा भी हो सकती है। तूफ़ान के असर से पिछले 80 से अधिक तालुक़ा में बरसात हुई है। तटवर्ती इलाक़ों में तेज हवाओं के साथ बारिश हो रही है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कल मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के साथ बात कर तूफ़ान से बचाव और राहत आदि के बारे में विस्तार से जानकारी ली। वह स्थिति पर सतत नार बनाए हुए हैं।
तूफ़ान के मद्देनार राज्य में कोरोना टीकाकरण का काम आज और कल  पूरी तरह बंद रखने का फ़ैसला किया गया है।

राज्य ने आपदा नियंत्रण सम्बंधी कार्यों की निगरानी कर रहे राजस्व विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पंकज कुमार ने बताया कि राहत कार्य के लिए कुल मिलाकर एनडीआरएफ की 41, एसडीआरएफ की 10 टीमें तैनात की गयी हैं। आज सुबह छह बजे तक 17 जिलों के 655 गावों से डेढ़ लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जा चुका था। इस दौरान कोरोना सम्बंधी सभी मानकों का पालन किया गया। तूफ़ान के सम्भावित असर वाले जिलों में नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं।

सम्भावित इलाक़ों में बिजली आपूर्ति पर असर की आशंका के मद्देनारारूरी पावर बैक अप की व्यवस्था की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग की 388 टीमें और राजस्व अधिकारियों की 319 टीमें भी तैनात की गयी हैं। 161 आईसीयू एम्बुलेंस और मरीजों को निशुल्क अस्पताल तक पहुंचाने वाली 108 नम्बर की 576 एम्बुलेंस भी तैनात कर दी गयी हैं। ऑक्सिजन की निर्बाध आपूर्ति जारी रखने के लिए सड़कों पर ग्रीन कॉरिडर तैयार किए गए हैं।

समुद्र में उथल  पुथल के चलते मछुआरों को पांच दिनों तक इसमें जाने की अनुमति नहि दी गयी है। सैकड़ों नावों को वापस भी बुला लिया गया है। गुजरात के वेरावल, पीपवाव, जाफ़राबाद आदि बंदरगाहों पर भी अति गम्भीर श्रेणी नम्बर का 10 नम्बर का चेतावनी सिग्नल लगा दिया गया है। पोरबंदर, सिक्का, नवलखी, बेडी, न्यू कांडला, मांडवी और जखौ बंदरगाहों पर आठ नम्बर का सिग्नल है।

मौसम केंद्र की ओर से जारी बुलेटिन में कहा गया है कि तूफ़ान, भारी वर्षा और तेज हवाओं के कारण तटीय इलाक़ों में कच्चे, पक्के मकानों, सड़कों, बिजली के खम्बों, पेड़ों और फ़सलों आदि को नुक़सान हो सकता है। इसमें  खतरे वाले इलाक़ों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने, मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने, सड़क और रेल यातायात को भी नियंत्रित  करने, तूफ़ान के दौरान लोगों से घरों में रहने की सलाह भी दी गयी है। एहतियाती तौर पर 2700 से अधिक होर्डिंग्स और 667 अस्थायी संरचनाओं को हटा लिया गया है।

मुख्यमंत्री विजय रूपाणी लगातार समीक्षा बैठकें कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि राज्य का तां किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। तटीय इलाक़ों से एहतियाती तौर पर डेढ़ लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया है। चौबीसों घंटे काम कर रहे एक केंद्रीय नियंत्रण कक्ष केारिए पूरी स्थिति पर नार रखी जा रही है।
 

वार्ता
अहमदाबाद


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