वोट चोरी पर अब विपक्ष भी हमलावर
राहुल गांधी के वोट चोरी के आरोपों के बाद अब विपक्ष के अन्य नेता भी खुल कर सामने आ रहे हैं।
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राकांपा (शरद पवार) अध्यक्ष शरद पवार ने दावा किया है कि 2024 के महाराष्ट्र चुनाव से ऐन पहले दो व्यक्तियों ने दिल्ली में उनसे मुलाकात की थी जिसमें 288 सीटों में से 160 में जीत की गारंटी दी थी। पवार ने यह खुलासा उस वक्त किया है जब राहुल गांधी निर्वाचन आयोग व भाजपा पर वोटचोरी का आरोप लगा रहे हैं।
राहुल गांधी इसे संविधान के खिलाफ अपराध बोल चुके हैं। उन्होंने जनता का समर्थन जुटाने के लिए वोटचोरी नाम से पोर्टल भी लॉन्च किया है। राहुल ने संदेश दिया कि वोट हमारे लोकतंत्र की नींव है जिस पर भाजपा द्वारा सुनियोजित हमला किया जा रहा है और जिसमें चुनाव आयोग भी शामिल है।
तीन राज्यों में इस कथित वोटचोरी के आरोपों पर कई दिनों से आयोग और राहुल के बीच नोक-झोंक चालू है। आयोग हस्ताक्षरित घोषणापत्र की मांग पर अड़ा है, जबकि राहुल अपने सार्वजनिक बयान को ही शपथ सरीखा बता रहे हैं। पच्चीस दलों ने राहुल का समर्थन कर राजनीतिक माहौल गरमा दिया है। संभव है कि ये दल देश भर में प्रदर्शन का ऐलान भी कर दें।
भारतीय चुनाव प्रणाली को लेकर इस तरह का संदेह पहले कभी नहीं देखा गया। कांग्रेस के वरिष्ठ परंतु भाजपा की पक्षधरता करने वाले नेता शशि थरूर ने भी इस मामले में राहुल का समर्थन किया है। उन्होंने आयोग से अपना पक्ष स्पष्ट करने को कहा है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अपने शिकायत पत्र पर कार्रवाई न होने का आरोप लगाया।
उद्धव ठाकरे के दल ने भी बेहतरीन खोजी रिपोर्ट पेश करने पर कांग्रेस की पीठ थपथपाते हुए आयोग को जवाबदेह बताया। आयोग राहुल के आरोपों को झूठा कह कर माफी मांगने को कह रहा है जबकि उसको वोट चोरी के गंभीर आरोपों के दस्तावेज की मांग कर उचित कार्रवाई करते नजर आना चाहिए।
राहुल या विपक्ष के आरोपों के गलत या सही होने का खुलासा भी आयोग को सार्वजनिक तौर पर करना होगा। यह जानने का भी प्रयास करना होगा पवार से मिलने वाले वे दो लोग कौन थे, जिन्होंने जीत की गारंटी दी थी।
मामला अब मात्र वाकयुद्ध का नहीं रहा। संविधान और मतदाताओं के अधिकार को बचाने के प्रति आयोग को मुस्तैद होना होगा। वह स्वायत्त संस्था है। उसे पक्षपात की राजनीति करते नहीं नजर आना चाहिए।
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