जयललिता के भतीजा-भतीजी द्वितीय श्रेणी के कानूनी वारिस घोषित

Last Updated 27 May 2020 02:55:02 PM IST

मद्रास हाईकोर्ट ने बुधवार को जे. दीपक और जे. दीपा को दिवंगत मुख्यमंत्री जे. जयललिता की द्वितीय श्रेणी (सेकंड लाइन) का कानूनी उत्तराधिकारी घोषित किया। इसके साथ ही अदालत ने सरकार को जयललिता के निवास के एक हिस्से को स्मारक के रूप में परिवर्तित करने का सुझाव दिया।


अदालत ने यह भी सुझाव दिया कि जयललिता के निवास स्थान 'वेद निलयम' का कोई हिस्सा मुख्यमंत्री कार्यालय के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।

तमिलनाडु सरकार को अदालत के सुझावों का जवाब देने के लिए आठ सप्ताह का समय दिया गया है।

हाईकोर्ट की दो सदस्यीय पीठ में न्यायमूर्ति एन. किरुबाकरन और न्यायमूर्ति अब्दुल कुद्दूस शामिल रहे, जिन्होंने जयललिता की संपत्तियों के प्रबंधन के लिए एक प्रशासक नियुक्त करने के लिए एक वकील द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया।

जयललिता की भतीजी दीपा और भतीजे दीपक ने खुद को जयललिता के कानूनी उत्तराधिकारी के तौर पर घोषित करने के लिए अदालत में याचिका दायर की थी।

एक टेलीविजन चैनल से बात करते हुए दीपा ने अदालत के आदेश पर खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि इसका श्रेय उनके भाई दीपक को जाना चाहिए।

दीपा ने टेलीविजन चैनल से कहा कि अगले कदम पर चर्चा की जानी चाहिए।

तमिलनाडु सरकार द्वारा जयललिता के निवास स्थान पर अस्थायी कब्जा करने के लिए अध्यादेश लाने के आदेश के बाद अदालत का फैसला आया है।

सरकार का कहना है कि जयललिता के निवास को स्मारक में बदल दिया जाएगा।

सरकार के अनुसार, अध्यादेश मुख्यमंत्री के. पलनीस्वामी की अध्यक्षता में पुर्चे थलाइवी डॉ. जे. जयललिता मेमोरियल फाउंडेशन की स्थापना करने में सक्षम बनाएगा और इसमें उप मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम और अन्य सदस्य भी शामिल होंगे।

पलनीस्वामी ने पहले जयललिता के निवास को स्मारक में बदलने के सरकार के फैसले की घोषणा की थी।

हालांकि सरकार द्वारा वेद निलयम के अधिग्रहण पर आपत्ति जताते हुए जयललिता की भतीजी दीपा मद्रास हाईकोर्ट चली गई थीं।

लंबी बीमारी के बाद दिसंबर 2016 में तमिनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता का निधन हो गया था।

आईएएनएस
चेन्नई


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