बारिश और बर्फबारी से कश्मीर में पारा गिरा
घाटी के गुलमर्ग तथा प्रदेश के अन्य हिस्सों में बर्फबारी व बारिश के कारण यहां का पारा तेजी से लुढ़क गया है। माता वैष्णो देवी के भवन से सटी त्रिकुटा की पहाड़ियां भी बर्फ से ढक गई हैं।
श्रीनगर में बृहस्पतिवार को मौसम की पहली बर्फबारी के बीच सुरक्षा में मुस्तैद सेना के जवान। |
घाटी में बर्फबारी का लुत्फ लेने वाले पर्यटकों के लिए मौसम मुफीद लगता है लेकिन उन किसानों के लिए बर्फबारी और बारिश किसी मुसीबत से कम नहीं है, जिनकी बासमती की फसल कटाई के लिए तैयार है।
गौरतलब है कि जिस प्रकार कुछ दिनों से उत्तर भारत में प्रदूषण से स्थित लगातार जानलेवा बनी हुई थी, उन्हें भी जम्मू कश्मीर समेत अन्य राज्यों में हो रही बारिश से जरूर राहत मिलती दिखाई देती है। वहीं घाटी के पर्यटन स्थलों जहां कड़े प्रतिबंधों के कारण दो अगस्त के बाद से सन्नाटा पसरा हुआ था, वहां बर्फबारी के कारण पर्यटन के क्षेत्र में सुधार होता दिखाई दे रहा है।
हालांकि सूत्रों की माने तो गत एक पखवाड़े में देश के अन्य हिस्सों से पर्यटकों की आमद में अच्छी शुरुआत हुई है परंतु विशेषकर जम्मू के सरहदी इलाकों में किसानी करने वाले परिवारों को आज की बर्फबारी व बारिश के कारण दुारियों का सामना करना पड़ सकता है। बताते चलें कि भारत-पाक सीमा से सटा आरएसपुरा, बिरनाह, अरनियां आदि इलाके बासमती चावल के उत्पादन के लिए काफी मशहूर माने जाते हैं। इन इलाकों में आजकल बासमती चावल की फसल कटने के लिए तैयार है, लेकिन आज की बारिश व ओलावृष्टि के कारण इस फसल को नुकसान होता दिखाई दे रहा है।
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