EWS आरक्षण से मौजूदा आरक्षण व्यवस्था प्रभावित नहीं होगी: मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सवर्ण जाति के आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का विरोध करने वाले लोगों पर निशाना साधते हुए रविवार को कहा कि तमिलनाडु में कुछ लोग अपने हित साधने के लिए ‘‘संदेह और अविश्वास का माहौल’’ बना रहे है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी |
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भाजपा की रैली को संबोधित करते हुए कहा कि ''तमिलनाडु में कुछ लोग अपने हित साधने के लिए ‘‘संदेह और अविश्वास का माहौल’’ बना रहे है।" उन्होंने विपक्षी पार्टियों के प्रस्तावित महागठबंधन पर तंज करते हुए कहा कि आगामी लोकसभा चुनावों में ‘‘इस चौकीदार को हटाने’’ के लिए उन्होंने अपने मतभेद भुला दिये हैं।
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने देश को भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद से छुटकारा दिलाने के लिए प्रभावशाली कदम उठाये हैं।
मोदी ने आर्थिक अपराधियों विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी का स्पष्ट संदर्भ देते हुए कहा, ‘‘ ऐसे किसी भी व्यक्ति को, जिसने देश को धोखा दिया है अथवा लूटा है, न्याय के दायरे में लाया जाएगा।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि सामान्य श्रेणी के आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों (ईडब्ल्यूएस) के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण के प्रावधान से दलितों, जनजातियों और अन्य के लिए मौजूदा आरक्षण व्यवस्था पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने युवाओं से ‘‘नकारात्मक ताकतों को खारिज’’ करने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि शिक्षा और रोजगार में सभी को अवसर प्रदान करने की भावना के साथ ईडब्ल्यूएस कोटा लागू किया गया था।
उन्होंने कहा, ‘‘इसी भावना के साथ यह निर्णय लिया गया है जिसका दलित, जनजातीय लोगों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।’’
मोदी ने कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि तमिलनाडु में कुछ लोग अपने हित साधने के लिए संदेह और अविास का माहौल बना रहे है।’’
राज्य में विपक्षी द्रमुक और कुछ अन्य पार्टियों ने 10 प्रतिशत आरक्षण का विरोध करते हुए कहा है कि केवल सामाजिक पिछड़ों को आरक्षण के लिए मानक बनाया जाना चाहिए।
द्रमुक ने दस प्रतिशत ईडब्ल्यूएस आरक्षण के लिए संविधान में संशोधन को मद्रास उच्च न्यायालय में चुनौती दी है।
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