आशा है कि एएमयू का छात्र वापस आए, पढाई जारी रखेगा : महबूबा
जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने आशा जताई कि हिज्बुल मुजाहिदीन में शामिल होने का दावा करने वाला एएमयू छात्र घर लौटेगा और अपनी पढाई जारी रखेगा.
जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती (फाइल फोटो) |
विधानपरिषद में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने आशा जताई कि हिज्बुल मुजाहिदीन में शामिल होने का दावा करने वाला एएमयू छात्र घर लौटेगा और अपनी पढाई जारी रखेगा. उन्होंने पहली बार पथराव करने वालों के लिए एक राहत योजना की घोषणा की.
अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयूी) से पीएचडी कर रहे कुपवाडा निवासी मन्नान बशीर वानी को आखिरी बार दो जनवरी को कैम्पस में देखा गया था. कथित तौर पर हथियार पकडे हुए उसकी एक तस्वीर छह जनवरी को सोशल मीडिया पर दिखी थी.
सोमवार को हिजबुल प्रमुख सैयद सलाउद्दीन के हवाले से वानी के आतंकी संगठन में शामिल होने का दावा किया गया था
मुख्यमंत्री ने कहा, ''वानी की सहपाठी और माता पिता ने उसकी वापसी के लिए अपील की है. हमें आशा है कि वह वापस आएगा और अपना अध्ययन जारी रखेगा.''
महबूबा ने 2008 से पहली बार पथराव करने वाले 9000 लोगों के खिलाफ मामले वापस लेने की भी घोषणा की. यह कश्मीर के युवाओं तक पहुंचने की एक कोशिश है.
उन्होंने कहा कि ये मामले पहली बार अपराध पथरावी करने वालों के लिए नौकरियां हासिल करना और अन्य फायदे उठाने मुश्किल बनाते हैं. हमने 2016 में प्रक्रिया शुरू की लेकिन बुरहान वानी की मौत के चलते पैदा हुई अशांति के चलते इसे रोकना पडा.
उन्होंने कहा, ''प्राथमिकी वापस लिए जाने के बाद उन्हें पढाई करनी चाहिए और एक आम आदमी की तरह सामान्य जीवन जीना चाहिए.''
महबूबा ने कहा कि 2016 में पैलेट गन से घायल हुए लोगों का पुनर्वास करने के लिए एक और कदम उठाया गया है.
मुख्यमंत्री ने वार्ता को एक मात्र रास्ता बताते हुए कहा कि पिछले साल दिनेश शर्मा को वार्ताकार नियुक्त करना राज्य में सतत वार्ता को आगे बढाने का एक बडा फैसला था.
उन्होंने कहा, ''शर्मा जम्मू कश्मीर में दो-तीन महीनों से काम कर रहे हैं और हर किसी से बात करना चाहते हैं. हर किसी के घर जाना चाहते हैं. लेकिनी कोई प्रतिक्रिया नहीं है.''
उन्होंने कहा, ''हम क्या कर सकते हैं? हम वार्ता के पक्ष में हैं. लोगों को वार्ता के लिए आगे आने दीजिए.''
मुख्यमंत्री ने कहा कि वक्त का तकाजा है कि राज्य कों हिंसा के चव से बाहर निकाला जाए.
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