आदर्श घोटाला मामले में काग्रेंस के अशोक चव्हाण को राहत, नहीं चलेगा केस
बम्बई उच्च न्यायालय ने बहुचर्चित आदर्श हाउसिंग घोटाला मामले में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण पर मुकदमे को लेकर महाराष्ट्र के राज्यपाल सी विद्यासागर राव के फैसले को आज खारिज कर दिया.
आदर्श घोटाला मामले में अशोक चव्हाण को राहत (फाइल फोटो) |
न्यायमूर्ति आरवी मोरे की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने चव्हाण की याचिका पर सुनवाई के बाद राज्यपाल के उस फैसले को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने संबंधित मामले को लेकर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को मुकदमा दायर करने की अनुमति दी थी.
न्यायालय ने मामले में ताजा साक्ष्य पेश किये जाने में विफलता और मुकदमे के लिए राज्यपाल से मंजूरी मांगने के लिए सीबीआई की खिंचाई भी की.
गत फरवरी में राज्यपाल ने चव्हण के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 120.बी.(आपराधिक षडयंत्र रचने) और धारा 420(धोखाधड़ी) तथा भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मुकदमा दायर करने की अनुमति दी थी.
चव्हाण के खिलाफ आदर्श हाउसिंग सोसायटी घोटाला मामले में संलिप्तता का आरोप है. सीबीआई ने दिसम्बर 2013 में दर्ज करायी गयी प्राथमिकी में उन्हें आरोपी बनाया है.
तत्कालीन राज्यपाल के शंकरानारायण ने उनके खिलाफ मुकदमे की मांग नामंजूर कर दी थी. मार्च 2015 में चव्हाण ने मामले से अपना नाम हटाये जाने की उच्च न्यायालय में याचिका पेश की थी, जिसे खारिज कर दिया गया था.
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