केरल: दलित छात्रा रेप-मर्डर केस में अमीरुल इस्‍लाम को फांसी की सजा

Last Updated 14 Dec 2017 12:20:46 PM IST

केरल में एर्नाकुलम की एक अदालत ने जिशा दुष्कर्म तथा हत्या मामले के दोषी मोहम्मद अमीर-उल-इस्लाम को आज फांसी की सजा सुनाई.


फाइल फोटो

जिला एवं सत्र न्यायालय अदालत ने असम निवासी इस्लाम को केरल के पेरम्बदूर में 28 अप्रैल 2016 को 30 वर्षीय कानून की दलित छात्र से दुष्कर्म तथा हत्या के मामले में दोषी करार देते हुए मंगलवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.

अदालत ने इस मामले की केद्रीय जांच एजेंसी से दोबारा जांच कराने की बचाव पक्ष के वकील की मांग खारिज कर दी.

अदालत ने पीड़तिा के साथ दुष्कर्म तथा बेरहमीपूर्वक हत्या के मामले में पेश किए गए सबूतों को सही पाया. अदालत ने कहा कि दोषी किसी प्रकार के दया के पा नहीं है और इसे मौत की सजा दी जा रही है.


              
अदालत ने इस्लाम को धारा 449 ( घर हथियाने) के मामले में सात वर्ष की कैद तथा 10 हजार रुपये का जुर्माना, धारा 342 (बंधक बनाने) के मामले में एक साल की कैद तथा 10 हजार रुपये जुर्माना,  धारा 376 (दुष्कर्म) के मामले में 10 वर्ष की कैद तथा 15 हजार रुपये जुर्माना, धारा 376 (ए) (मौत की वजह/..) के मामले में आजीवन कारावास तथा 25 हजार रुपये जुर्माना की सजा तथा धारा 302 (हत्या) के तहत फांसी की सजा और 25 हजार रुपये जुर्माना भरने का आदेश दिया.    
             
अदालत के फैसले के बाद जिशा की मां राजेरी ने संवाददाताओं से कहा, इस दुनिया में किसी भी मां को इस तरह की पीड़ा नहीं गुजरना चाहिए. अगर भविष्य में इस तरह की कोई भी घटना होती है तो आरोपियों को मौत की सजा दी जानी चाहिए. हम लोग न्यायाधीश को भगवान मानते हैं. मैं इस फैसले के लिए अपनी बेटी की ओर से सभी का धन्यवाद करना चाहती हूं.
 

 

 

भाषा


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