सरकार के पैसा आधारित गेमिंग कंपनियों की गतिविधियों को विनियमित करने के लिए कानून पेश किए जाने के बाद, ड्रीम11 और गेम्स24x7 सहित चार स्टार्टअप ने प्रतिष्ठित यूनिकॉर्न का दर्जा खो दिया है। बृहस्पतिवार को एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।

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यूनिकॉर्न सूची से बाहर होने वाले पैसा आधारित गेम (आरएमजी) से जुड़ी दो अन्य स्टार्टअप गेम्सक्राफ्ट (तीन करोड़ उपयोगकर्ता) और मोबाइल प्रीमियर लीग (नौ करोड़) हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि ड्रीम11 के 26 करोड़ उपयोगकर्ता हैं जबकि गेम्स24x7 के 12 करोड़ उपयोगकर्ता हैं।
एएसके प्राइवेट वेल्थ हुरुन इंडिया यूनिकॉर्न एंड फ्यूचर यूनिकॉर्न रिपोर्ट 2025 में कहा गया है कि लोकप्रिय ‘जूपी’ और ‘विंजो गेम्स’ के मूल्यांकन भी इस कानून के कारण प्रभावित हुए हैं। हालांकि, ये दोनों यूनिकॉर्न नहीं थे।
यूनिकॉर्न ऐसे स्टार्टअप होते हैं जिनका मूल्यांकन एक अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक होता है।
पिछले महीने, संसद ने पैसे के जरिये खेले जाने वाले सभी ऑनलाइन गेम पर प्रतिबंध लगाने और ई-स्पोर्ट्स तथा ऑनलाइन सोशल गेमिंग को बढ़ावा देने के लिए एक विधेयक पारित किया। यह कानून ऑनलाइन मनी गेम से संबंधित विज्ञापनों पर भी प्रतिबंध लगाता है साथ ही बैंकों और वित्तीय संस्थानों को ऐसे किसी भी गेम के लिए धन उपलब्ध कराने या हस्तांतरित करने से रोकता है।
रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘इन बदलावों ने भारत की सबसे प्रमुख आरएमजी कंपनियों के मूल्यांकन को प्रभावित किया है।’’ साथ ही, इन स्टार्टअप को प्रचार पर प्रतिबंधों का सामना करना पड़ रहा है, जिससे उनकी वृद्धि की रफ्तार धीमी होगी और कर संबंधी आवश्यकताएं सख्त हो जाएंगी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस कानून ने निवेशकों का विश्वास कम किया है और यह उद्योग को दीर्घकाल में भरोसा बनाने और स्थिरता हासिल करने में मदद कर सकता है।
सरकार के इस कदम के बाद, आरएमजी कंपनियों ने भारतीय क्रिकेट टीम का प्रायोजन बंद करने और अपने कर्मचारियों के एक बड़े हिस्से को नौकरी से निकालने सहित कई कदम उठाए हैं।
इस बीच, आरएमजी कंपनियों के मूल्यांकन में गिरावट के बावजूद, इस साल यूनिकॉर्न सूची में भारतीय स्टार्टअप की कुल संख्या छह बढ़कर 73 हो गई।
इस साल 11 नए यूनिकॉर्न शामिल हुए, जिनमें एआई.टेक, नवी टेक्नोलॉजीज, विवृति कैपिटल, वेरिटास फाइनेंस, रैपिडो, नेत्रडाइन, जंबोटेल, डार्विनबॉक्स, मनीव्यू, जसपे और ड्रूल्स शामिल हैं।
ब्रोकरेज कंपनी जीरोधा 8.2 अरब डॉलर के साथ सबसे मूल्यवान भारतीय स्टार्टअप है। इसके बाद फिनटेक रेजरपे और आईकेयर पर केंद्रित लेंसकार्ट 7.5-7.5 अरब डॉलर के साथ दूसरे स्थान पर हैं।
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