दिल्ली सरकार का बड़ा ऐलान- सावन में कांवड़ शिविरों को मिलेगी मुफ्त बिजली और शिव भक्तों के लिए सुरक्षा के होंगे पुख्ता इंतजाम
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मंगलवार को घोषणा की कि कांवड़ समितियों को बिना किसी निविदा प्रक्रिया के प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के माध्यम से वित्तीय सहायता मिलेगी और इससे भ्रष्टाचार खत्म होगा।
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कैबिनेट की बैठक के बाद गुप्ता ने संवाददाता सम्मेलन में घोषणा की कि मंत्री कपिल मिश्रा की अध्यक्षता वाली कमेटी सहायता की ऊपरी सीमा तय करेगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री धार्मिक उत्सव कमेटी में चार अन्य विधायक भी शामिल होंगे।
उन्होंने यह भी घोषणा की कि दिल्ली सरकार कांवड़ शिविरों के लिए 1,200 यूनिट तक बिजली का खर्च भी वहन करेगी।
उन्होंने कहा, ‘हमने एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है। पहले टेंट लगाने के लिए निविदा निकाली जाती थी और केवल दो या तीन लोग ही आवेदन करते थे। वे निविदा ले लेते थे और फिर काम को किसी और को सौंप देते थे। यहां तक कि आखिरी दिन तक भी टेंट नहीं लगाए जाते थे, जिससे कांवड़ समितियों को परेशानी होती थी।’’
उन्होंने कहा कि इस कवायद पर करोड़ों रुपये खर्च होंगे।
उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘सभी भ्रष्टाचार को समाप्त करते हुए हमने निर्णय लिया है कि इस प्रक्रिया में शामिल सभी ‘कांवड़’ समितियों को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण किया जाएगा। इसमें कोई ठेकेदार शामिल नहीं होगा और कोई निविदा प्रक्रिया भी नहीं होगी।’
गुप्ता ने कहा कि जो समितियां पंजीकृत नहीं हैं, उनके पास अनुमति के लिए आवेदन करने के लिए 30 जुलाई तक का समय होगा। उन्होंने कहा, ‘यातायात और सुरक्षा के लिए भी हम बैठकें करेंगे और हम सुनिश्चित करेंगे कि लोगों को कोई परेशानी न हो। नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवक भी शिविरों में मदद करेंगे।’
दिल्ली मंत्री कपिल मिश्रा ने कहा, "मुख्यमंत्री जी ने आज कई ऐतिहासिक घोषणाएं की हैं जो भोले भक्त और कांवड़ यात्री दिल्ली में आएंगे तथा कांवड़ सेवा शिविर चलाने वाले सभी लोगों के लिए मुख्यमंत्री ने एक बहुत ही ऐतिहासिक घोषणा की है। सबसे बड़ी घोषणा ये है कि दिल्ली में लगने वाले हर कांवड़ शिविर को 1200 यूनिट बिजली बिल्कुल मुफ्त दी जाएगी। ये एक बहुत बड़ी ऐतिहासिक घोषणा है और जब कांवड़ शिविर के सभी लोग मुख्यमंत्री के साथ बैठे तो उनकी सबसे बड़ी मांग भी यही थी। कांवड़ सेवा शिविर के आयोजकों ने दो बड़ी मांगें रखी थीं। पहली, उन्हें बिजली को लेकर कुछ राहत मिले और दूसरी सिंगल विंडो क्लीयरेंस मिले। ये दोनों ही ऐतिहासिक फैसले मुख्यमंत्री ने किए हैं। इसके साथ ही तीसरा बड़ा फैसला हुआ है।केजरीवाल सरकार भोले भक्तों की सेवा के नाम पर बहुत बड़ा भ्रष्टाचार का खेल खेल रही थी और टेंडर देने के नाम पर भी भ्रष्टाचार हो रहा था। टेंट लगाने के नाम पर भ्रष्टाचार की शिकायतें पूरी दिल्ली से आ रही थीं। हर कोई इससे त्रस्त था। भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने के लिए एक ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है। ऐसा कोई भी टेंडर,कॉन्ट्रैक्ट इस व्यवस्था को खत्म करने के बाद कांवड़ सेवा शिविर लगाने वालों को दिल्ली सरकार की तरफ से सीधे उनके खाते में पैसे जमा किए जाएंगे। ये बहुत ही ऐतिहासिक निर्णय है। उनके खातों में सीधे पैसे ट्रांसफर किए जाएंगे और वो पैसे जरूरत के हिसाब से कांवड़ यात्रियों की सेवा के लिए किया जाएगा..."
दिल्ली सरकार में मंत्री आशीष सूद ने कहा, "कांवड़ समितियों की लंबे समय से मांग थी कि उनके लिए अच्छी व्यवस्थाएं की जाए...हमने सभी शिव भक्तों की सुविधा के लिए दिल्ली के सभी कांवड़ शिविरों को मुफ्त बिजली देने की घोषणा की है। इन कांवड़ शिविरों को मुफ्त बिजली मिलेगी...मुफ्त बिजली के साथ-साथ उनके लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम भी किए जाएंगे..."
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