दिल्ली LG का निर्देश, दोपहर में श्रमिकों की छुट्टी, यात्रियों के लिए पानी की हो व्यवस्था

Last Updated 29 May 2024 07:10:04 PM IST

भयंकर गर्मी को देखते हुए दिल्ली में श्रमिकों को दोपहर में छुट्टी दी जाएगी। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने श्रमिकों को दोपहर 12 से 3 बजे तक सवेतन छुट्टी देने का निर्देश दिया है। इतनी भीषण गर्मी में भी 'समर हीट एक्शन प्लान' के लिए अभी तक मुख्यमंत्री केजरीवाल या उनके मंत्रियों द्वारा कोई कदम न उठाए जाने की उपराज्यपाल ने आलोचना की है।


दिल्ली LG का निर्देश, दोपहर में श्रमिकों की छुट्टी

उपराज्यपाल के मुताबिक डीडीए 20 मई से ही ऐसे उपाय कर रहा है, पर 'आप' सरकार के तहत आने वाले दिल्ली जल बोर्ड, पीडब्ल्यूडी और नगर निगम अब तक ऐसा नहीं कर रहे हैं। अब उपराज्यपाल ने दिल्ली के मुख्य सचिव को तत्काल बैठक करने का निर्देश दिया है। उपराज्यपाल ने निर्माण स्थलों पर कार्यरत श्रमिकों के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी, नारियल पानी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। बस स्टैंड पर घड़ों में पानी रखने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही कहा गया है कि दिल्ली में पारा 50 के आस-पास पहुंच गया है पर मुख्यमंत्री केजरीवाल और उनके मंत्री बेपरवाह हैं।

उप राज्यपाल के प्रिंसिपल सेक्रेटरी ने दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव को पत्र लिखते हुए कहा, "मैं आपका ध्यान दिल्ली में अभूतपूर्व गर्मी की लहर की ओर आकर्षित करने के लिए लिख रहा हूं। शहर के इतिहास में पहली बार तापमान 50 डिग्री सेल्सियस के आसपास है। उपराज्यपाल ने 20 मई को डीडीए को विभिन्न निर्माण स्थलों पर तैनात श्रमिकों के लिए पानी, नारियल पानी आदि की पर्याप्त व्यवस्था करने के निर्देश दिए थे ताकि वे हाइड्रेटेड रह सकें। गरीब श्रमिकों को लू से बचाने के लिए छाया/कूलर की समुचित व्यवस्था की जाए। डीडीए को आदेश दिया गया है कि सुपरवाइजर और श्रमिकों को अत्यधिक गर्मी के दौरान दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच छुट्टी दी जाए। उन्होंने निर्देश दिया है कि तापमान 40 डिग्री सेल्सियस जाने तक ये व्यवस्था जारी रहनी चाहिए।"

उपराज्यपाल ने पाया है कि गर्मी की लहर की असामान्य गंभीरता के बावजूद, राज्य सरकार द्वारा ऐसे कोई निर्देश जारी नहीं किए गए हैं। मुख्य सचिव को लिखे पत्र में कहा गया कि आमतौर पर उन्हें उम्मीद थी कि मुख्यमंत्री या संबंधित मंत्री शहर में हीट एक्शन प्लान के लिए बैठक बुलाएंगे। लू से निपटने में संवेदनशीलता और गंभीरता की कमी उनके लिए गंभीर चिंता का विषय है। भीषण गर्मी में अथक परिश्रम करने वाले गरीब श्रमिकों की दुर्दशा के लिए प्रशासन के मानवीय दृष्टिकोण की आवश्यकता है।

उपराज्यपाल के मुताबिक हजारों बेघर लोग और रेहड़ी-पटरी वाले अपना दिन फुटपाथों पर बिताते हैं, कभी-कभी पेयजल के बिना ये छोटे बच्चों के साथ होते हैं, यह एक हृदय-विदारक दृश्य होता है। उपराज्यपाल ने निर्देश दिया है कि मुख्य सचिव तुरंत सभी कार्य विभागों-पीडब्ल्यूडी, डीजेबी, आईएंडएफसी, एमसीडी, एनडीएमसी, बिजली विभाग, डीयूएसआईबी के अधिकारियों की एक बैठक बुलाएं और श्रमिकों और पर्यवेक्षी कर्मचारियों को अत्यधिक गर्मी की स्थिति से बचाने के लिए आवश्यक निर्देश जारी करें।

इसके अलावा उन्होंने धूप में इंतजार कर रहे बस यात्रियों और अन्य पैदल यात्रियों को राहत प्रदान करने के लिए बस क्यू शेल्टरों पर पानी की व्यवस्था करने को कहा है। उन्होंने निर्देश दिया कि पानी के टैंकरों को सड़कों पर छिड़काव के लिए तैनात किया जाना चाहिए, जिससे तापमान कुछ कम हो जाएगा। प्रदूषण से निपटने के लिए ऊंची इमारतों और सड़कों पर लगाए गए जल छिड़काव यंत्रों को भी सक्रिय किया जाना चाहिए।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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